इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने कलेक्टर आशीष सिंह को लगातार आ रही शिकायतों से कराया अवगत
एसोसिएशन की मांग- ऐसा उपाय किया जाए जिससे कोई धर्म कांटा संचालक व्यापारी से मिलकर हेराफेरी न कर सके
इंदौर। इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने इंदौर के इंडस्ट्रियल एरिया और मंडी के आसपास संचालित धर्म तौल कांटों की नियमित जांच करवाने की मांग की है। एसोसिएशन ने इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह को इस संदर्भ में ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि धर्म तौल कांटों पर व्यापारी द्वारा सेटिंग कर, माल वाहन के माल में शार्टेज कर वाहन के भाड़े काटे जाने की शिकायत हमारी संस्था को वाहन चालकों एवं मालिकों से मिल रही है। व्यापारी तय कांटे से ही वजन कराने की मांग करते हैं और अन्य तौल कांटे के वजन को मान्य नहीं करते। ऐसे में वजन कम होने पर व्यापारी ट्रक चालक का भाड़ा काट लेते हैं।
इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने बताया कि इंदौर में इंडस्ट्रियल एरिया एवं मंडी के आसपास स्थित धर्म तौल कांटों पर व्यापारी द्वारा सेटिंग कर, माल वाहन के माल में शार्टेज कर वाहन के भाड़े काटे जाने की शिकायत हमारी संस्था को वाहन चालकों एवं वाहन मालिकों से मिल रही है। व्यापारी वही कांटा कराने के लिए चालक को मजबूर करते हैं जिस कांटे पर व्यापारी की सेटिंग होती है। अन्य धर्म कांटा अगर वाहन चालक अपनी मर्जी से करवा लेता है तो उसे व्यापारी मान्य नहीं करता है जबकि सभी धर्म कांटे नापतोल विभाग की अनुमति एवं कैलिब्रेशन द्वारा संचालित होते हैं। वाहन चालक को अन्य धर्म कांटा कराने के अधिकार से क्यों वंचित किया जाता है जबकि धर्म कांटा करने का शुल्क भी वाहन चालक देता
उन्होंने आगे बताया कि व्यापारी सिर्फ सेटिंग वाले धर्म कांटे से ही माल अनलोड करता है और माल शॉर्टेज कर वाहन चालक का भाड़ा काटता है जिससे विवाद होते रहते हैं। वाहन चालक को अपनी मर्जी से जो मान्यता प्राप्त धर्म कांटा हो, उसे कराने का अधिकार देना चाहिए और व्यापारी को उसे मान्य करना चाहिए। व्यापारी द्वारा थोपा जा रहा धर्म कांटा कराने की परंपरा को बंद करना चाहिए है एवं प्रत्येक 3 माह में धर्म कांटों का कैलिब्रेशन शासन द्वारा करना चाहिए साथ ही कंप्यूटर में भी डिजिटल लॉक शासन के नापतोल विभाग द्वारा बनाया जाना चाहिए जिससे उसकी सेटिंग में कोई छेड़छाड़ एवं हेरा-फेरी ना कर सके। ऐसा उपाय किया जाए जिससे कोई धर्म कांटा संचालक व्यापारी से मिलकर हेराफेरी न कर सके।