प्रदेश की सियासत पर गरमाया ड्रग्स का मुद्दा, राजधानी में 1814 करोड़ की ड्रग्स हुई थी जब्त

भोपाल के औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी एक फैक्ट्री में 907 किलो एमडी ड्रग ठोस और तरल रूप में मिली थी

ड्रग्स मामले में नेता प्रतिपक्ष का सीएम पर प्रहार, मोहन बाबू आपके राज में ये क्या कारनामे हो रहे हैं?

बिना किसी डर के राजधानी में ड्रग्स की फैक्ट्री लगाकर अपराधियों ने बता दिया है कि उन्हें पूरा संरक्षण है- जीतू पटवारी

 

भोपाल। भोपाल के बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी एक फैक्ट्री में एमडी ड्रग बनाने का कारखाना पकड़ा गया था। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और गुजरात एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) ने यहां शनिवार को छापेमारी कर एमडी ड्रग और इसे बनाने में उपयोग होने वाला कच्चा माल जब्त किया। छापे में 907 किलो एमडी ड्रग ठोस और तरल रूप में मिली है। इस बड़े मुद्दे के बाद प्रदेश में सियासी भूचाल मचा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि “मोहन बाबू आपके राज में ये क्या कारनामे हो रहे हैं? भोपाल को उड़ता भोपाल बनाने की कोशिश की जा रही है।”

एक तरफ कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि कितना दुर्भाग्यजनक है कि राजधानी में ड्रग्स की फैक्ट्री चल रही है और एमपी सरकार, पुलिस और इंटेलिजेंस विभाग सो रहा है। वहीं, दूसरी ओर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि एमपी पुलिस और इंटेलीजेंस, गुजरात एटीएस, एनसीबी के संयुक्त ऑपरेशन की सफलता से कांग्रेसियों के पेट में मरोड़ उठ रहा है।

जानकारी के अनुसार पता चला है कि फैक्टरी को अमित चतुर्वेदी पिता पीसी चतुर्वेदी निवासी द्वारकापुरी कॉलोनी कोटरा सुल्तानबाद पीएनटी के द्वारा लगभग 6 से 7 माह पहले किराए पर ली गई थी। यहां मुम्बई से मशीनरी लाकर स्थापित की गई थी। साथ ही सान्याल पिता प्रकाश नारायण निवासी नासिक महाराष्ट्र के साथ मिलकर वह केमिकल लेकर सिंथेटिक ड्रग एमडी बना रहा था। सान्याल एनडीपीएस एक्ट के मामले में मुंबई के आर्थर रोड जेल में 5 वर्ष बन्द रहा है।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए लिखा कि “भोपाल आकर गुजरात के नारकोटिक्स विभाग की एसआईटी ने 1814 करोड़ की 907 किलो एमडी ड्रग पकड़ी! ये बात चौंकाने वाली इसलिए है, कि इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग की सूचना भोपाल पुलिस को क्यों नहीं मिली? ये क्या भोपाल को उड़ता भोपाल बनाने की कोशिश थी, जो आखिर गुजरात की टीम ने पकड़ ली! इसे सिर्फ पुलिस की कमजोरी इसलिए भी माना जाना चाहिए कि सीएम मोहन यादव के पास गृह विभाग भी है। एमपी की राजधानी भोपाल में सीएम के विभाग की नाक के नीचे 907 किलो की ड्रग पकड़े जाने की घटना को क्या सरकार गंभीरता से समझेगी! मोहन बाबू आपके राज में ये क्या कारनामे हो रहे हैं?”

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि “गली-गली बिक रहे नशीले पदार्थों का एक बहुत बड़ा बिजनेस मध्य प्रदेश में तैयार हो गया है। जब तक सत्ता और अधिकारियों का संरक्षण न हो, यह व्यवसाय इतना फल-फूल ही नहीं सकता। बिना किसी डर के राजधानी में ड्रग्स की फैक्ट्री लगाकर अपराधियों ने बता दिया है कि उन्हें पूरा संरक्षण है। किसी बात का डर नहीं है।”

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा है कि “संयुक्त ऑपरेशन की सफलता से कांग्रेसियों के पेट में मरोड़ उठ रहा है। मप्र सरकार अन्य राज्य एवं केंद्रीय एजेंसियों के समन्वय से इस तरह के गोपनीय ऑपरेशन संचालित करती रहती है। एमपी की एक इंच धरती पर किसी भी तरह का अनैतिक-अवैधानिक कार्य भाजपा सरकार में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस एमपी की पुलिस, इंटेलिजेंस का मनोबल तोड़ने और प्रदेश को बदमान करने के षड्यंत्र में लगी है, यह निंदनीय है।”

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