भक्ति और समृद्धि का प्रतीक है चैत्र नवरात्र और गुड़ी पड़वा

जनप्रकाशन मीडिया की ओर से सभी देशवासियों को नववर्ष, गुड़ी पड़वा और चैत्र नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं

चैत्र की शुरुआत और ग्रीष्म ऋतू के आगमन के साथ आता है गुड़ी पड़वा और नवरात्रि का त्योहार। इस शुभ अवसर के साथ हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है। माँ के आशीर्वाद के साथ नए संकल्प और नए साल की शुरुआत धूम-धाम और सकारात्मकता के साथ की जाती है। समृद्धि और विजय का प्रतीक ‘गुड़ी’ सजाकर हर हिंदू अपने नए साल का स्वागत करता है।

समृद्धि का आशीर्वाद लेकर आएगी देवी

हम बचपन से शेर पर सवार माता दुर्गा की पूजा करते आए हैं लेकिन आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि हर नवरात्रि में माता की सवारी बदल जाती है जिसके आध्यात्मिक अर्थ भी होते हैं। इस साल नवरात्रि रविवार को शुरू हो रही है और माता हाथी पर सवार होकर आ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता का हाथी पर सवार होकर आना बहुत शुभ माना जाता है। हाथी को सुख, समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। इससे बारिश अच्छी होती है, फसलें अच्छी फलती है और सभी का घर धन-धान्य से भरपूर रहता है।

इस दिन शुरू हुई थी सृष्टि की रचना

नवरात्र के पहले दिन मनाया जाता है गुड़ी पड़वा का त्योहार। यह महाराष्ट्र का एक प्रमुख त्योहार है। गुड़ी पड़वा को लकड़ी, कलश और साड़ी से घर की छत पर गुड़ी तैयार की जाती है जो समृद्धि और विजय का प्रतीक होती है। गुड़ी सजाकर इसकी पूजा की जाती है और भोग लगाया जाता है। माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की शुरुआत की थी।

नवरात्रि पर शुभ संयोग

10 सालों बाद चैत्र नवरात्र पर हिंदू नववर्ष के राजा और मंत्री सूर्य है। इस बार पंचमी तिथि का लोप होने के कारण नवरात्रि सिर्फ आठ दिन की होगी। कल शुभ मुहूर्त पर श्रद्धालु घट स्थापना करेंगे और आठ दिन व्रत रखकर माँ की आराधना करेंगे। दुर्गा पूजा के दौरान स्वच्छता और सात्विकता का ध्यान रखना चाहिए। यदि आप व्रत नहीं भी कर रहे हैं तो भी नवरात्र के समय सात्विक भोजन करें, माँ का ध्यान करें जिससे आपके घर में सुख, समृद्धि और माँ का आशीर्वाद सदा बना रहें।

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