मोहन कैबिनेट का अहम फैसला, यात्री परिवहन सुविधा को बढ़ावा देने के लिए शुरू होगी ‘मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा’

‘मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा’ योजना की शुरुआत के लिए प्रदेश सरकार ने 101 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी

यात्रियों की सुविधा और बस संचालन की प्रभावी निगरानी के लिए एक उन्नत आईटी प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा

भोपाल। कैबिनेट ने प्रदेश में यात्री परिवहन सुविधा को बढ़ावा देने के लिए “मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा” शुरू करने की मंजूरी दी है। आज यानी 1 अप्रैल को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया। इस योजना की शुरुआत के लिए राज्य सरकार ने 101 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। इस नई योजना से मध्यप्रदेश में पहली बार संगठित और तकनीकी-आधारित परिवहन सेवा का विकास होगा। यात्री सुविधा में सुधार होगा और राज्य में सुरक्षित, सुविधाजनक और सुगम यात्रा सुनिश्चित होगी। यात्रियों की सुविधा और बस संचालन की प्रभावी निगरानी के लिए एक उन्नत आईटी प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा।

‘मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा’ योजना के तहत ग्रामीण और आम मार्गों पर संगठित बस परिवहन सेवा को विकसित करने के लिए निजी बस ऑपरेटर्स की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। यह योजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत लागू की जाएगी, जिससे बस संचालन, अधोसंरचना निर्माण और विनियमन में पारदर्शिता आएगी।

जानकारी के अनुसार, प्रदेश सरकार ने परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एकीकृत परिवहन मॉडल तैयार किया है। इसमें बस अधोसंरचना का विकास किया जाएगा। जिसमें PPP मॉडल के तहत बस स्टैंड, बस डिपो और अन्य सुविधाओं का निर्माण होगा। इसमें निजी ऑपरेटर्स को आईटी प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत लाइसेंस जारी किए जाएंगे। इसके अलावा सख्त निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत रखी जाएगी।

बता दें कि वर्तमान में मध्यप्रदेश के 20 शहरों में सार्वजनिक परिवहन के लिए विशेष प्रयोजन वाहन (SPVs) कंपनियां कार्यरत हैं। इनमें से 16 कंपनियां सक्रिय हैं, जबकि चार कंपनियां निष्क्रिय हैं। सरकार ने निर्णय लिया है कि इन सभी को मिलाकर सात संभागीय कंपनियों में विलय किया जाएगा। इन कंपनियों का संचालन राज्य स्तरीय एक होल्डिंग कंपनी के माध्यम से किया जाएगा, जो पूरे सिस्टम की निगरानी करेगी।

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