शेयर बाजार में सोमवार को 2025 की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट आई है। सेंसेक्स 3200 अंक (4.20%) गिरकर करीब 72,150 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ़्टी में एक हज़ार अंक (4.50%) की गिरावट है। ये 22,000 से नीचे कारोबार कर रहा है। इससे पहले 4 जून को भी बाजार 5.74% गिरा था।
टाटा और इनफ़ोसिस 10% गिरे
सेंसेक्स के सभी 30 शेयर गिरकर कारोबार कर रहे हैं। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और इनफ़ोसिस करीब 10% गिर चुके हैं। टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक और L&T में भी 8% की गिरावट आई है। NSE के सेक्टोरल इंडेक्स में निफ़्टी मेटल सबसे ज्यादा 8% टुटा है। आईट, आयल एंड गैस और हेल्थ केयर में करीब 7% की गिरावट है। 2 अप्रैल से क्रूड आयल के दाम भी 12.11% कम हो चुके हैं। आज ब्रेनट क्रूड 4% टूटकर 64 डॉलर से नीचे फिसल चुका है। पिछले 4 सालों में ये सबसे कम है।
इस वजह से गिरा सेंसेक्स
सेंसेक्स गिरने की मुख्य तीन वजह है। पहला अमेरिका ने भारत पर 26% टेरीफ लगाने का एलान कर दिया है जिसका असर सेंसेक्स पर भी हुआ। दूसरा कारण चीन ने अमेरिका पर पलटवार करते हुए 34% का टेरीफ लगा दिया है। यह 10 अप्रैल से लागु होगा। टेरीफ की वजह से लोग कम खरीदारी करेंगे जिससे इकोनॉमी स्लो डाउन हो सकती है। मांग कम होने से कच्चे तेल की कीमत भी कम हो सकती है। इस वजह से निवेशको का भरोसा कम हो गया है।
निवेशकों को करोड़ों का नुकसान
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का मिडकैप इंडेक्स 1,850 पॉइंट की गिरावट के साथ 38,630 के स्तर पर आ गया है। शेयर बाजार में बिकवाली से निवेशकों की वेल्थ करीब 20 लाख करोड़ रुपए घट गई है। 4 अप्रैल को BSE पर लिस्टेड कंपनियों का ओवरऑल मार्केट कैप 404 लाख करोड़ रुपए था जो आज घटकर 383 लाख करोड़ रुपए रह गया।