काठमांडू। नेपाल में काठमांडू के पूर्वी हिस्से में हो रहा विरोध-प्रदर्शन शुक्रवार को काफी उग्र हो गया। इस हिंसक झड़प के दौरान 2 लोगों की मौत हो गई। इस मामले में 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। नेपाल सरकार अब पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के समर्थकों के विरोध मार्च के दौरान हुई घातक हिंसा की जांच कर रही है। ये प्रदर्शनकारी नेपाल में संवैधानिक राजतंत्र की बहाली की मांग कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शन के प्रमुख आयोजक नवराज सुबेदी को हाउस अरेस्ट में रखा गया है। वहीं, इस प्रदर्शन के चीफ कमांडर दुर्गा परसाई की तलाश की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को काठमांडू के कुछ हिस्सों में स्थिति तनावपूर्ण रही। लगभग 40 से ज्यादा नेपाली संगठनों के प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को काठमांडू के तिनकुने में एक इमारत में तोड़फोड़ करने के बाद उसे आग के हवाले कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने एक राजनीतिक पार्टी के दफ्तर पर हमला बोल दिया, पथराव किया, वाहनों में आग लगा दी और कई दुकानों को लूट लिया। पुलिस ने काठमांडू में संसद भवन की ओर पत्थर फेंक रही भीड़ को रोकने के लिए बल प्रयोग किया, जिसके बाद वहां झड़प हो गई। इस घटना में एक टेलीविजन कैमरामैन और एक प्रदर्शनकारी समेत दो लोगों की मौत हो गई, वहीं करीब 112 लोग घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को बुलाना पड़ा।
नेपाल में राजतंत्रवादी राजतंत्र की बहाली और हिंदू राज्य की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। आंदोलन बुलाने वाले दुर्गा प्रसाद के सुरक्षा बैरिकेड तोड़कर बुलेटप्रूफ वाहन पर सवार होकर बानेश्वर की ओर बढ़ने के बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया। दरअसल बानेश्वर में ही देश का संसद भवन मौजूद है। प्रदर्शनकारी वहीं जाने की कोशिश कर रहे थे।