जज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करना पड़ा भारी, दिशा के पिता के वकील के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज यानी 8 अप्रैल को दिशा सालियान मौत मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक मौजूदा हाईकोर्ट जज के खिलाफ की गई निंदनीय और अपमानजनक टिप्पणी के लिए वकील नीलेश ओझा के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए अवमानना कार्यवाही शुरू की। नीलेश ओझा दिवंगत दिशा के पिता सतीश सालियान के वकील हैं। सतीश ने अपनी बेटी दिशा सालियान की मौत की जांच के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे, न्यायमूर्ति ए एस चंदुरकर, न्यायमूर्ति एम एस सोनक, न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति ए एस गडकरी की एक बड़ी पीठ ने कहा कि “1 अप्रैल को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीलेश ओझा द्वारा मौजूदा हाईकोर्ट जज और बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ की गई टिप्पणी निंदनीय और अपमानजनक थी।अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल के लिए निर्धारित करते हुए कहा, ‘प्रथम दृष्टया बयानों से आपराधिक अवमानना का मामला बनता है। हम रजिस्ट्री को ओझा को नोटिस जारी करने का निर्देश देते हैं।”

बता दें कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में सतीश सालियान के वकील नीलेश ओझा ने हाईकोर्ट के मौजूदा जज के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, जिनके समक्ष याचिका 2 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी। हाईकोर्ट ने 2 अप्रैल को कहा कि याचिका न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की अध्यक्षता वाली पीठ के कार्यभार से संबंधित है और हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को मामले को उस पीठ के समक्ष रखने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया।

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