महापौर संगठन ने पुष्यमित्र भार्गव के नेतृत्व में की मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मुलाकात
12 शहरों के महापौरों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर शहरों के विकास से संबंधित अपनी विभिन्न मांगों को रखा
भोपाल। मध्य प्रदेश महापौर संघ के अध्यक्ष पुष्यमित्र भार्गव के नेतृत्व में प्रदेश के 12 शहरों के महापौरों ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मुलाकात की और शहरों के विकास से संबंधित अपनी विभिन्न मांगों को रखा। इस दौरान महापौरों ने मुख्यमंत्री को एक मांग पत्र सौंपा, जिसमें महापौरों के लिए प्रोटोकॉल की बहाली, उनके वित्तीय अधिकार बढ़ाने, नगर निगमों में अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी को दूर करने और महापौरों को सुरक्षा और राज्यमंत्री का प्रोटोकाल देने की मांग की।
महापौरों ने यह भी कहा कि उन्हें मंत्री, सांसद और विधायकों की तरह देश-विदेश भ्रमण के लिए व्यवस्था दी जाए। मुख्यमंत्री ने महापौरों के प्रस्तावों पर विचार करने की बात कही। साथ ही उन्होंने सभी नगर निगमों में विकास समितियों का गठन करने की बात कही। महापौरों ने भोपाल में अपने पदीय गरिमा के अनुरूप एक नया विश्राम गृह बनाने की मांग की। महापौरों की एक और प्रमुख मांग थी कि निकायों में कमिश्नरों द्वारा अनदेखी की जा रही है और महापौरों को टेंडर प्रक्रिया, कार्य और स्थान में किसी भी बदलाव की जानकारी समय पर दी जाए।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि महापौर शहर के प्रथम नागरिक हैं। नगर और नागरिकों के विकास के लिए पूरी क्षमता, समर्पण और सेवा भावना से काम करें। शहरों के विकास के लिए डॉक्टर, इंजीनियर, सिटी प्लानर, प्रोफेसर और टीचर सहित सभी वर्गों को एक साथ काम करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे शहर विकास के मामले में अव्वल रहें, इसके लिए नगर विकास के रोडमेप पर लगातार चर्चा की जाएगी।
महापौरों ने नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से चुंगी क्षतिपूर्ति बढ़ाने की भी मांग की। उनका कहना था कि यह राशि फ्रीज कर दी गई है और इसे प्रतिवर्ष 10 से 15 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ाया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने करों के निर्धारण के लिए एक नई बॉडी गठित करने की भी मांग की, जो टैक्स दरों के आकलन के बाद तय करेगी।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नगर निगम आयुक्तों को भी निर्देश दिए कि वे विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए महापौरों से बेहतर समन्वय रखें। उन्होंने कहा कि नगर निगमों को और अधिक अधिकार दिए जाएंगे ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। इस बैठक में 19 जुलाई, 2024 को नगरीय विकास मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिए गए निर्देशों की समीक्षा भी की गई।