ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने केंद्र से अपील की है कि वह माल ढुलाई दर की एक सीमा तय कर दे जिससे ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री में चल रही मनमानी और भ्रष्टाचार कम हो सकें। तय माल ढुलाई दर न होने से हर कोई अपने अनुसार दाम तय कर लेता है जिससे वाहन के मालिकों को नुकसान उठाना पड़ता है।
शुल्क सीमा तय करे सरकार
एआईएमटीसी के अध्यक्ष अमृत मदान ने बताया कि हमने केंद्र सरकार के सामने सभी कमर्शियल वाहनों द्वारा की जाने वाली माल ढुलाई के लिए एक न्यूनतम कीमत तय करने का प्रस्ताव रखा है। किसी भी तरह का कोई शुल्क सीमा तय न होने से ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री किसी भी कीमत पर माल ढुलाई करने के लिए तैयार हो जाते हैं। इससे ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। यदि सरकार द्वारा एक सही शुल्क सीमा तय कर दी जाती है तो इंडस्ट्री का सही तरह से संचालन हो सकेगा। हमने यह प्रस्ताव सरकार के सामने रख दिया है और जल्द ही इस विषय पर सीनियर अफसरों से भी चर्चा करेंगे।
इंडस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण होता है त्योहारों का सीजन
ट्रांसपोटर्स के लिए त्योहार और शादी का सीजन कमाई का मुख्य समय रहता है। ख़ासतौर पर ट्रक ड्राइवर को इंडस्ट्री और अन्य कई जगह से माल ढुलाई का काम मिलता है लेकिन इस साल यह काफी कम है। अक्टूबर में भी ट्रांसपोर्ट की बुकिंग सामान्य रही। इस आधार पर माना जा रहा है कि आने वाले समय में यही स्थिति बनी रहेगी।
अक्टूबर में भी सामान्य रही वाहनों की डिमांड
एआईएमटीसी बेस्ट जोन के फार्मर वाइस प्रेसीडेंट विजय कालरा ने बताया कि इस बार ट्रक की डिमांड काफी सामान्य है। वाहनों की संख्या बढ़ने के बावजूद उनकी बुकिंग काफी सामान्य है। इस स्थिति में एक तय शुल्क सीमा की आवश्यकता बहुत जरूरी है जिससे सभी वाहन चालकों को आगे बढ़ने का समान अवसर मिले। एसोसिएशन के अनुसार भारत में हर साल एक करोड़ कमर्शियल वाहन चलते हैं जिसमें से मध्य प्रदेश में 4.50 लाख कमर्शियल वाहन चलाए जाते हैं।