चंद्रयान-4 के सैटेलाइट प्रक्षेपण अभियान में शामिल होने के साथ उस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने का मौका इंदौर के सरकारी स्कूल की 14 छात्राओं को मिलेगा। मिशन शक्ति के सेट के तहत इंदौर की इन छात्राओं का देशभर के 130 विद्यार्थियों में से चयन हुआ है। छात्राओं को इसरो और इन स्पेस द्वारा 120 घंटे का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। दक्षिण भारत के स्टार्टअप स्पेस किड्स इंडिया ने मिशन शक्ति सेट के माध्यम से इन छात्राओं का चयन किया।
इंदौर की छात्राएं भी होंगी शामिल
मध्यप्रदेश में यह चयन विजय वेलफेयर सोसाइटी ने किया है जिसकी संस्थापक माधुरी मोयदे है। इसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाली छात्रा को चंद्रयान-4 के प्रक्षेपण के दौरान उपकरणों की असेंबलिंग में काम करने का मौका मिलेगा। इंदौर से चयनित 14 छात्राएं कक्षा ग्यारहवीं से बारहवीं में पढ़ती है।
चेन्नई से हुई मिशन की शुरुआत
बता दें कि ये मिशन चेन्नई स्थित स्पेस किड्स इंडिया ने विकसित किया है। मिशन शक्ति सेट की निदेशक और स्पेस किड्स इंडिया की संस्थापक सीईओ डॉ केशन ने 16 जनवरी को इस मिशन की शुरुआत की थी। मिशन शक्ति सेट में भारत सहित 108 की हाई स्कूल की करीब 12 हज़ार छात्राएं शामिल रहेंगी। इनमें भारत की 130 छात्राएं हैं।
ऑनलाइन प्रशिक्षण भी होगा
ऑनलाइन प्रशिक्षण में अंतरिक्ष तकनीक, पेलोड विकास और अंतरिक्ष यान प्रणालियों से सम्बंधित विषय शामिल होंगे। प्रशिक्षण के बाद हर देश की एक बच्ची का चयन होगा और ये 108 छात्राएं चंद्रयान मिशन 2026 में भी योगदान देगी और सेटलाइट विकसित कर उसका प्रक्षेपण करेंगी।