लोकायुक्त से जमानत मिलने के बाद भी सौरभ, शरद, चेतन जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे
ईडी कोर्ट में 11 अप्रैल को सौरभ, शरद और चेतन की जमानत आवेदन पर होगी सुनवाई
भोपाल। परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा, उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को लोकायुक्त विशेष कोर्ट से जमानत मिल गई है। दरअसल, लोकायुक्त ने 60 दिन में चालान पेश नहीं किया इसलिए आरोपियों को यह राहत दी गई है। वहीं कोर्ट ने लोकायुक्त के इस रवैये पर हैरानी भी जताई। लोकायुक्त की विशेष न्यायाधीश राम प्रताप मिश्र ने यह आदेश दिए हैं। हालांकि जमानत मिलने के बाद भी सौरभ, शरद, चेतन फिलहाल जेल से बाहर नहीं आएंगे. तीनों आरोपियों को ईडी के मामले में जेल में रहना पड़ेगा।
लोकायुक्त के मामले में ही तीनों आरोपियों को जमानत मिली है। जबकि ईडी का केस अलग है। ईडी कोर्ट में 11 अप्रैल को जमानत आवेदन पर सुनवाई होगी। तब तक वे न्यायिक हिरासत में सेंट्रल जेल में ही रहेंगे। सौरभ के वकीलों राकेश पाराशर और दीपेश जोशी ने कोर्ट में तर्क दिया कि लोकायुक्त ने गिरफ्तारी के 60 दिन बाद चार्जशीट दाखिल नहीं की। यह जमानत का आधार बन सकता है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि लोकायुक्त द्वारा चालान पेश न किया जाना भाजपा सरकार की मंशा को उजागर करता है। सीधा संकेत है कि भ्रष्टाचार के तार केवल कुछ अधिकारियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि संगठित नेटवर्क के रूप में शीर्ष तक फैला हुआ है। इससे भाजपा की चाल चरित्र चेहरा उजागर हुआ।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि कोर्ट के आदेश को अप्रैल फूल बताकर आप सीधे-सीधे न्यायालय की अवमानना कर रहे हैं। हमारी ही सरकार ने इस भ्रष्टाचार की जड़ें खोद कर गिरफ्तारी की। पूर्ण विश्वास है कि भ्रष्टाचार के दोषियों को सजा माननीय न्यायपालिका से अवश्य मिलेगी।