उज्जैन। दुनियाभर में मनाए जाने वाले होली के त्योहार की शुरुआत धार्मिक नगरी उज्जैन से हो गई है। यहां सबसे पहले होली के त्योहार की शुरुआत विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर से हुई। बाबा महाकाल के दरबार में होली का उत्सव मनाया गया। यहां संध्या आरती में पंडे पुजारियों ने महाकाल के साथ होली खेली। बड़ी संख्या में भक्तों ने भक्ति में लीन होकर होली मनाई। संध्या आरती के बाद यहां होलिका दहन किया गया और भक्त बाबा के भजनों में झूमते नजर आए।
महाकाल मंदिर उज्जैन के पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि महाकाल मंदिर में परंपरा अनुसार संध्या आरती में बाबा महाकाल को रंग लगाया गया। श्रद्धालु और पंडे पुजारियों ने आरती में लीन होकर अबीर गुलाल और फूलों के साथ होली खेली। आरती के बाद मंदिर परिसर में मंत्रोचारण के साथ होलिका दहन किया गया। देश-विदेश से कई भक्त उज्जैन में मनाई जाने वाली इस होली को देखने के लिए आते हैं। आरती के समय बाबा के भक्तों पर भी होली का रंग खूब चढ़ता है परंतु पिछले वर्ष होली पर्व पर गर्भगृह में अग्निकाण्ड होने से भक्तों को अबीर गुलाल से दूर रखा गया। महाकाल मंदिर में एक दिन पहले होली का पर्व मनाने की परंपरा आदि अनादिकाल से चली आ रही। यहां सबसे पहले बाबा महाकाल के आंगन में होलिका का दहन होता है और उसके बाद शहर भर में होली मनाई जाती है।