आकाश से लेकर पृथ्वी तक मनाती हैं होली का उत्सव
जनप्रकाशन की ओर से सभी को होली की शुभकामनाएं
हम सभी के जीवन में उल्लास, उत्साह और प्रेम का रंग लेकर आता है होली का त्योहार। होली का त्योहार तन के साथ मन को भी खुशियों के रंग से रंग देता है और हर कोई अपने दुखों और बैर को भूलकर सुख के रंग से सराबोर होकर फाग के गीतों पर झूमने लगता है। इस उत्सव में आकाश से लेकर पृथ्वी तक शामिल होती है। जहां फूल और फलों के माध्यम से पृथ्वी हर दिशा को उल्लास के रंगों से रंग देती है, वहीं आकाश भी अपने नीले पटल पर सूरज के सिन्दूरी रंग का इस्तेमाल करके होली के आनंद को दोगुना कर देता है और हर ओर एक ही स्वर सुनाई देता है ‘होली है’।
होली के हैं अनेक प्रकार
होली का उत्सव अनंत काल से चला आ रहा है। ईश्वर से लेकर मनुष्य तक होली के पर्व में उमंग के साथ शामिल होते हैं। द्वापर युग से वृन्दावन और बरसाना की होली विश्व प्रसिद्ध है। लड्डुओं, फूलों और लठ से खेली जाने वाली इस होली में आनंद के साथ कृष्ण और राधा के प्रेम का रंग भी मिला होता है। परमयोगी हिमालय निवासी शिवशंकर भी होली का आनंद लेने के लिए मसान में राख से होली खेलते है और संदेश देते हैं कि एक दिन हम सबको भी राख हो जाना है इसलिए हर पल को आनंद के साथ जिएं। काशी में हज़ारों की संख्या में साधु इक्कठे होते हैं और अपने आराध्य की तरह मसाने में होली खेलते हैं। इस तरह देश के अलग-अलग हिस्सों में होली खेलने के प्रकार विभिन्न हो सकते हैं लेकिन उसकी मस्ती और ख़ुशी एक समान रहती है।
हर भेद को मिटाती है होली
होली का त्योहार रंग, जाति, उम्र, धर्म हर तरह के भेद को मिटा देता है। होली के रंग में रंगने के बाद सब एक समान हो जाते हैं। इस त्योहार में गुलाल के साथ हर किसी पर मस्ती, मजाक और खुशियों का रंग भी चढ़ जाता है। इस माहौल में शामिल होने वाला हर व्यक्ति कुछ समय के लिए सही अपनी परेशानियों को भूलकर जीवन के आनंदोत्सव में रम जाता है। होली का त्योहार हम सभी के लिए एक संदेश है कि जीवन में मिलने वाले हर रंग का खुशी से स्वागत करो, उसका आनंद लो और जिंदगी के हर पल को एक उत्सव की तरह जियो।