ममता सरकार का बड़ा फैसला, कोलकाता के सभी अस्पतालों से सिविक वॉलंटियर्स हटाए गए

आरजी कर कांड में मुख्य आरोपी संजय राय सिविक वॉलंटियर ही था

अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टरों ने शुरू किया हस्ताक्षर अभियान

कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता की आग अभी भी देश में ठंडी नहीं हुई है। देशभर के स्वास्थ्य कर्मी और आम लोगों को इस घटना ने भयवित कर दिया था। हर किसी में इस घटना के प्रति अभी भी आक्रोश है। अब इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए कोलकाता के सभी अस्पतालों से सिविक वॉलंटियर्स को हटा दिए। अब अस्पतालों में अधिक संख्या में निजी सुरक्षाकर्मियों और अतिरिक्त पुलिस तैनात की जाएगी। वहीं, आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म और हत्या की घटना मामले में शीघ्र न्याय की मांग को लेकर गुरुवार को सैकड़ों महिलाओं ने कोलकाता में सीबीआई के कार्यालय तक मार्च निकाला।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य के सिविक वॉलंटियर्स की नियुक्ति पर लगातार आपत्ति जताते हुए वकील करुणा नंदी ने सवाल उठाया था कि कितने सिविक वॉलंटियर्स नियुक्त किए गए हैं? उनकी योग्यता क्या है? बता दें कि आरजी कर कांड में मुख्य आरोपी संजय राय सिविक वॉलंटियर था, जिसके कारण पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में कई सवाल उठे थे।

धर्मतला में सात जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन गुरुवार को 13वें दिन भी जारी रहा। साथ ही अब अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टरों ने गुरुवार को हस्ताक्षर अभियान शुरू किया। इसके तहत आम लोग भी अपनी राय देकर हस्ताक्षर कर सकेंगे। इसके अलावा उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी स्थित मेडिकल कॉलेज में भी जूनियर डॉक्टर आमरण अनशन कर रहे हैं। उनका यह 11वां दिन है।

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