ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि राहुल गांधी की टिप्पणियों ने समाज में नफरत और दुर्भावना फैलाई है
राहुल गांधी ने 2022 में वीर सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ और ‘पेंशन लेने वाला’ कहा था
लखनऊ। लखनऊ पीठ से शुक्रवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को झटका लगा है। उन्होंने वीर सावरकर मानहानि मामले में लखनऊ की सेशन कोर्ट के समन आदेश और 200 रुपए जुर्माने को लेकर हाईकोर्ट में 2 अप्रैल को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने राहुल गांधी की याचिका पर विचार करने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि उनके पास दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 397 के तहत सत्र अदालत में पुनरीक्षण (रिविजन) याचिका दायर करने का विकल्प है।
बता दें कि समन आदेश पिछले साल दिसंबर में लखनऊ की सत्र अदालत ने दिया था। ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि राहुल गांधी की टिप्पणियों ने समाज में नफरत और दुर्भावना फैलाई है। ट्रायल कोर्ट ने राहुल के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला सही पाया और उन्हें पेश होने का निर्देश दिया था। इसके बाद राहुल गांधी ने समन आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
कोर्ट में याचिका दायर करने वाले नृपेंद्र पांडेय के अनुसार राहुल गांधी ने 17 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ और ‘पेंशन लेने वाला’ कहा था। राहुल गांधी का बयान समाज में वैमनस्य और घृणा फैलाने की मंशा से दिया गया था।
आरोप लगाया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले से तैयार पर्चे भी पत्रकारों के बीच वितरित किए गए थे। बयान के बाद राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) और 505 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई थी। अदालत ने उन्हें गत 12 दिसंबर को धारा 153 ए एवं 505 आईपीसी के तहत अदालत में तलब किया था। उस दौरान भी हाजिरी माफी की अर्जी दाखिल की गई थी। इसके बाद की तारीखों पर भी राहुल गांधी पेश नहीं हुए। ऐसे में उन पर 200 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया और पेश होने के लिए चेतावनी देते हुए समन जारी किया गया था।