उज्जैन। महाकाल मंदिर में दर्शन के नाम पर भक्तों से ठगी करने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 4 आरोपी अब भी फरार हैं। इन चार आरोपियों ने मिलकर पिछले तीन-चार वर्षों में 15 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इन आरोपियों की संपत्तियों की जानकारी मांगी है, और यदि ये चार फरार आरोपी जल्दी पकड़े नहीं जाते, तो उनके खिलाफ इनाम की घोषणा की जा सकती है।
महाकाल टीआई नरेन्द्र परिहार के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से दीपक मित्तल, पंकज शर्मा, आशीष शर्मा और विजेन्द्र की तलाश जारी है। इनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं।
अब तक की कार्रवाई में कुल 17 आरोपियों की पहचान की गई है, जिनमें से चार अभी फरार हैं। पहली FIR मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल की शिकायत पर दर्ज की गई थी, जिसमें पुरोहित अजय शर्मा, प्रतिनिधि राजेश भट्ट उर्फ पत्ती गुरु और सेवक कुणाल शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था।
महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था में बदलाव
महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा और दर्शन व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए नए मानदंड निर्धारित किए गए हैं। अब फ्री ऑफ कॉस्ट कांसेप्ट (एफओसी) पूरी तरह बंद कर दिया गया है। पहले श्रद्धालु शंख द्वार से निःशुल्क प्रवेश कर सकते थे, लेकिन अब केवल पात्र श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जाएगा।
एडीएम और प्रभारी प्रशासक अनुकूल जैन ने बताया कि दर्शन व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। अब केवल विशेष अतिथियों और पात्र श्रद्धालुओं को ही गर्भगृह के पास या नंदी हॉल में दर्शन की अनुमति दी जाएगी।
आरोपियों की संपत्तियों की जानकारी
आरोपियों ने पिछले कुछ वर्षों में कई संपत्तियाँ अर्जित की हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. पंकज शर्मा: पूर्व में फुटपाथ पर अंडरगारमेंट्स की दुकान लगाने वाले पंकज ने उज्जैन में यूट्यूबर बनकर भक्तों से पैसे वसूलना शुरू किया। उसने चार वर्षों में चार मकान खरीदे हैं।
2. अभिषेक भार्गव: सत्कार प्रभारी अभिषेक के पास साईधाम कॉलोनी में तीन मकान और अन्य क्षेत्रों में 18 बीघा जमीन है।
3. राजेन्द्र सिसौदिया: सिसौदिया के नाम देवास में दो शराब के ठेके और कई मकान हैं।
4. रितेश शर्मा: हाल ही में रितेश ने शहर की एक पाश कॉलोनी में 50 लाख रुपये का मकान खरीदा है।
5. जितेन्द्र पंवार: जितेन्द्र ने हाल ही में पोकलेन और जेसीबी खरीदी है, और उसके रिश्तेदार भी मंदिर की सुरक्षा एजेंसी में कार्यरत हैं।
प्रशासक जैन ने कहा कि प्रोटोकॉल व्यवस्था अब लागू की जा रही है, जो पहले से निर्धारित थी। अब केवल पात्रता के आधार पर ही श्रद्धालुओं को निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा। ईडी ने भी इस मामले में दस्तावेज मांगे हैं, और जल्द ही जानकारी जुटाकर उन्हें भेजा जाएगा।