इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक के कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया। बैंक के अधिकारियों द्वारा थाने में की गई थी शिकायत
पुलिस ने पूरे मामले में चार लोगों को किया गिरफ्तार। आरोपियों के द्वारा ऑर्डर किया गया सामान और केश किया गया बरामद
इंदौर। पैसा सुरक्षित रखने के लिए आम से लेकर खास व्यक्ति तक को सबसे ज्यादा भरोसा बैंक पर होता है। लेकिन जब बैंक के कर्मचारी ही उनके साथ धोखा करें तो फिर लोग किस पर भरोसा करें। खबर यह है कि शहर में आईसीआईसीआई बैंक के कर्मचारियों के द्वारा लाखों का फ्रॉड कर कई लोगों के खातों से ऑनलाइन शॉपिंग की गई। पुलिस ने मामले में इंदौर सहित कई अन्य राज्यों के व्यापारियों से धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए घटना में प्रयुक्त सिमकार्ड की लोकेशन आंध्रा आए, इसके लिए एक साथी को फ्लाइट से आंध्र प्रदेश भेजा था।
अभिनव विश्वकर्मा डीसीपी इंदौर ने बताया कि विजय नगर थाने पर एक प्राइवेट बैंक के अधिकारियों ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उनके बैंक के ग्राहकों के अकाउंट से लगातार बिना ओटीपी शेयर किए धनराशि निकाली गई है, जिस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। पुलिस को खाताधारकों ने बताया कि उनके खातों से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शॉपिंग की गई है, जिसके बाद पुलिस ने जांच की और 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे ऑनलाइन ऑर्डर किया गया माल जब्त किया गया।
आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि कमल नामक व्यक्ति बैंक के ही मैनेजर के पद पर कार्यरत था। काम के दौरान ही कमल को बैंक के आईक्यू सॉफ्टवेयर में कस्टमर्स के खातों के ट्रांजेक्शन के ओटीपी दिखाई देते थे, जिसे देखकर आरोपी ने अपराध करने की सोची और उन खातों को चुना जिसमें अधिक बेलेंस था। इसके बाद आरोपी ने बैंक की अन्य शाखा में काम करने वाले उसके जीजा को भी इस साजिश में मिला लिया, इसके बाद आरोपियों ने तेलंगाना के एक व्यक्ति से मोबाईल नंबर इस्तेमाल करने के लिए सिम खरीदी और उसी सिम पर ओटीपी बुलाकर ऑनलाइन खरीदी की। पुलिस को गुमराह करने के लिए आरोपियों ने अपने एक परिचित को सिम लेकर तेलंगाना भेजा और वहां पर सिम नष्ट करवाई गई ताकि पुलिस को लगे कि अपराधी वहां के है, लेकिन पुलिस की जांच में सभी आरोपी पकड़ा गए। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के द्वारा ऑर्डर किया गया सामान और केश बरामद किया है।