इंटरनेट और एआई आने के बाद दुनिया में कई तरह के बदलाव आए हैं। इंटरनेट के माध्यम से आप सैकड़ों मील दूर बैठे इंसान को देख सकते हैं और उनसे बात कर सकते हैं। विदेश में मिलने वाली चीजे आसानी से घर तक मंगवा सकते हैं। इसी नई टेक्नोलॉजी ने स्कैमर्स का काम भी आसान कर दिया है। अब वे घर बैठे ही करोड़ो की ठगी कर रहे हैं। इसका सबसे ताजा उदाहरण है डिजिटल अरेस्ट। डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से बड़े-बड़े करोड़पति भी ठगों के जाल में फंसकर लाखों-करोड़ों रुपए गंवा चुके हैं। आइये जानते हैं क्या है डिजिटल अरेस्ट और इससे कैसे बचा जा सकता है।
यह होता है डिजिटल अरेस्ट?
लोगों को ब्लैकमेल करने के लिए डिजिटल अरेस्ट एक एडवांस तरीका है। अक्सर स्कैम्स में अनपढ़ और गांव के लोगों को फंसाया जाता है लेकिन डिजिटल अरेस्ट में स्कैमर शहर में रहने वाले और पढ़े-लिखे लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट का मतलब है कि कोई आपको ऑनलाइन धमकी देकर वीडियो कॉलिंग के माध्यम से आप पर नजर रख रहा है डिजिटल अरेस्ट में नकली पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को धमकाते हैं और उनसे लाखों की ठगी करते हैं।
इस तरह होती है डिजिटल ठगी?
डिजिटल अरेस्ट करने के लिए सबसे पहले व्यक्ति के पास एक मैसेज या फोन कॉल आता है। अरेस्ट करने वाला इंसान उन्हें पुलिस डिपार्टमेंट या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से होने के बाद कहता है कि आपका पैन और आधार का इस्तेमाल कर कई अवैध चीज खरीदी गई है या मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। अक्सर यह बोलकर भी स्कैम करते हैं कि वह कस्टम विभाग से बोल रहे हैं और आपके नाम से कोई पार्सल आया है जिसमें ड्रग्स या प्रतिबंधित चीज है।
नकली पुलिस बनकर बनाते हैं डर का माहौल
इसके बाद संबंधित व्यक्ति के पास वीडियो कॉल आता है और उन्हें सामने ही बैठे रहने के लिए कहा जाता है। स्कैमर पुलिस या अधिकारी व्यक्ति की वर्दी पहन कर वीडियो कॉल करता है उसके पीछे का बैकग्राउंड भी पुलिस थाने या सरकारी ऑफिस जैसा होता है। इस दौरान अरेस्ट हुआ व्यक्ति ना वह किसी से बात कर सकता है और ना ही मैसेज कर सकते हैं। उन्हें किसी से मिलने की इजाजत नहीं होती है। अरेस्ट से जमानत लेने के नाम पर वह लोगों से लाखों-करोड़ों अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लेते हैं। इस तरह लोग घर में बैठे-बैठे ही अरेस्ट हो जाते हैं और करोड़ों रुपए गवां देते हैं।
डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए जरूरी है जागरूकता
डिजिटल अरेस्ट से बचने का सबसे आसान उपाय जागरूकता है। हमें यह मालूम होना चाहिए कि कोई भी कानूनी कार्रवाई इस तरह ऑनलाइन नहीं की जाती है। पुलिस की वर्दी और पुलिस थाने का माहौल देखकर आपको डरने की कोई जरूरत नहीं है। अगर आपने कोई पार्सल या अवैध चीज नहीं मंगवाई है तो आपको इस तरह की धमकियों से डरने की जरूरत नहीं है। यदि आपको ऐसा कोई कॉल आता है तो पुलिस में तुरंत इसकी शिकायत करें। स्कैमर से मिलने वाले मैसेज और ईमेल को संभाल कर रखें जिससे उसे भविष्य में सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके। यदि आप कॉल उठा लेते हैं तब भी डरने की आवश्यकता नहीं है। उनकी धमकियों को नजरअंदाज करके पुलिस में तुरंत शिकायत करें और किसी भी कीमत पर पैसे ना दे।
डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो चुके हैं फेमस यूट्यूबर
फेमस यूट्यूबर अंकुश बहुगुणा भी डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से कॉल आया था उन्होंने बिना कुछ सोचे वह कॉल अटेंड किया। वह एक ऑटोमेटिक कॉल था जिसमें बताया गया कि उनका एक कोरियर कैंसिल हो गया है। इसके बाद उन्हें एक दूसरे कॉल से जोड़ा गया जिसमें उन्हें बताया कि कस्टम विभाग ने वह कोरियर जब्त कर लिया है क्योंकि उसमें कुछ अवैध चीजें पाई गई है। यह सुनने के बाद वह इतने घबरा गए कि उन्हें कुछ समझ नहीं आया। ठगों ने उनके आधार कार्ड आदि की जानकारी मांग कर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया। स्कैमर्स ने उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और तस्करी जैसे कई गंभीर आरोप भी लगाए और उन्हें बताया कि वह एक मामले में मुख्य संदिग्ध है। अंकुश को स्कैमर्स ने बताया कि उनके पास पुलिस स्टेशन जाने का भी समय नहीं है और उन्होंने सीधा पुलिस स्टेशन से उनका कॉल कनेक्ट कर दिया। इसके बाद एक पुलिस की वर्दी पहने व्यक्ति ने व्हाट्सएप कॉल पर उनसे बात की करीब 40 घंटे तक उन्हें वीडियो कॉल पर डिजिटली अरेस्ट किया गया। इसके बाद ठगों ने उनसे पैसों की मांग की लेकिन बैंक बंद होने की वजह से वह पैसे ट्रांसफर नहीं कर सके। इसके बाद स्कैमर्स ने उन्हें एक होटल में ठहरने को कहा। उसके थोड़े समय बाद उन्हें एक दोस्त का मैसेज मिला जिससे उन्हें एहसास हुआ कि शायद वह किसी ठगी का शिकार हो गए हैं और वह तुरंत होटल से बाहर आ गए। इसी तरह के कई बड़े नाम और अमीर लोगों को इस तरह डिजिटल अरेस्ट करके कई करोड़ रुपये अभी तक ठगे जा चुके हैं।