कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय बोले- जहरीले कचरे से जनता भयग्रस्त न हो, शंका का समाधान जरूरी है

सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शहर के प्रबुद्धजनों और डॉक्टरों के साथ चर्चा की

डॉ संजय लोंढे ने सवाल उठाया कि भोपाल का कचरा इंदौर में ही क्यों जलाया जा रहा है?

आईएएस विवेक पोरवाल बोले- 337 टन कचरे को जलाने में महीनों लगेंगे। सरकार पूरी जिम्मेदारी के साथ कचरे का निष्पादन करेगी

इंदौर। पीथमपुर में भोपाल के यूनियन कार्बाइड का 337 टन विषैले कचरे जलाए जाने को लेकर इंदौर से लेकर प्रदेश के हर क्षेत्र की राजनीति गरमाई हुई है। प्रदेश सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और मंत्री तुलसी सिलावट ने शहर के प्रबुद्धजनों और डॉक्टरों के साथ चर्चा की। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हमें भी शहर की चिंता है। रातभर हमने सरकार को सोने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जहरीले कचरे से जनता भयग्रस्त न हो, शंका का समाधान जरूरी है।

डॉक्टर एसएस नैयर ने सवाल उठाया कि पहले जो कचरा जलाया गया, उसका खुलासा तब क्यों नहीं किया गया। हमेशा कचरा जलाने का काम छुप कर क्यों किया गया। अफसरों ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि को इस बारे में बताया गया था। आईएएस विवेक पोरवाल ने कहा कि पीथमपुर में दो बार कचरे का ट्रायल हो चुका है। फसल की उत्पादकता, पानी की जांच की गई। 17 जगहों पर बोर कर 37 मापदंडों पर परीक्षण किया गया। पानी दूषित नहीं पाया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने जल्दबाजी नहीं की। पूरी प्रक्रिया अपनाई गई है। 337 टन कचरे को जलाने में महीनों लगेंगे। कचरे को लेकर मन में शंकाएं हो सकती हैं, भ्रांतियां हो सकती हैं, लेकिन सरकार पूरी जिम्मेदारी के साथ कचरे का निष्पादन करेगी।

डॉ संजय लोंढे ने सवाल उठाया कि भोपाल का कचरा इंदौर में ही क्यों जलाया जा रहा है? अफसरों ने कहा कि पहले जो ट्रायल किया गया। उसके आधार पर ही फैसला लिया गया। अतुल सेठ ने कहा कि ठंड के समय वातावरण में धुआं देर तक बना रहता है। कचरा अभी क्यों जलाया जा रहा है। अफसरों ने कहा कि कचरे के निपटान में चार से छह माह का समय लगेगा। शिक्षाविद एसएल गर्ग ने कहा कि जलाने से पहले कचरे की प्रयोगशाला में जांच होना चाहिए। एक घंटे चली बैठक में कचरा जलाने का खुलकर विरोध हुआ।

सभी की बात सुनने के बाद कैबिनेट मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि यह सब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हो रहा है। 25 साल के बाद कचरा निस्तेज हो चुका है। थोड़ा-थोड़ा जला कर रिपोर्ट पेश की जाएगी। यदि कुछ खराब रहा तो कोर्ट में अपनी बात रखेंगे, जरूरी हुआ तो बदलाव भी करेंगे।

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