राजधानी में अतिथि शिक्षकों का जमकर हंगामा, प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का पुलिस के साथ हुआ टकराव
अतिथि शिक्षक बोले- अगर सरकार अपना रुख स्पष्ट नहीं करती है तो हम आमरण अनशन पर बैठेंगे
भोपाल। प्रदेश की राजधानी में एक बार फिर अतिथि शिक्षकों ने मोहन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। 2 अक्टूबर, बुधवार को शिक्षकों ने नियमितिकरण की मांग को लेकर हंगामा किया। सैकड़ों शिक्षकों ने अंबेडकर मैदान से सीएम हाउस तक न्याय यात्रा निकाली। प्रदर्शन के दौरान अतिथि शिक्षकों की पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई। इस दौरान कई टीचर बेहोश भी हो गए।
प्रदर्शन के दौरान अतिथि शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान पर तंज कसते हुए ‘कब्जा करने आए हैं, कब्जा करके जाएंगे’ के नारे भी लगाए। संघ के अध्यक्ष केसी पवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। जिसमें कई महिला अतिथि शिक्षकों को चोटें आई हैं।
प्रदर्शन करने आए शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने पिछली बार हमें गुमराह कर दिया था। इस बार हम अपना स्थायीकरण लेकर जाएंगे। अगर सरकार अपना रुख स्पष्ट नहीं करती है तो हम आमरण अनशन पर बैठेंगे। बता दें कि नियमितिकरण सहित कई मांगों को लेकर अतिथि शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा- मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षक नियमितिकरण की मांग को लेकर लगातार आंदोलित हैं। आज गांधी जयंती के मौके पर प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक भोपाल पहुंचे और मुख्यमंत्री आवास पहुंचना चाहते हैं। मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव जी से आग्रह करता हूं कि अतिथि शिक्षकों की मांगों को स्वीकार करें। यह मांगे और कुछ नहीं पिछली बीजेपी सरकार के वादे हैं। चुनाव से पहले बीजेपी ने जो वादे किए थे उन्हें पूरा करें।
अतिथि शिक्षकों की ये है मांगे
- प्रत्येक सत्र के अनुभव के 10 अंक दिए जाएं, अधिकतम 100 अंक तक सभी वर्गों में शामिल किए जाएं।
- अतिथि शिक्षकों के अनुभव के आधार पर एक नीति बनाकर उन्हें 12 माह का सेवाकाल दिया जाए और उनकी नियुक्ति स्थायी की जाए।
- जिन अतिथि शिक्षकों का परीक्षा परिणाम 30% से कम है, उन्हें सुधार के लिए एक और मौका दिया जाए।
- गुरुजियों की तरह, अतिथि शिक्षकों के लिए एक अलग विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर उनकी नियुक्ति की जाए।
- अतिथि शिक्षकों के लिए वार्षिक अनुबंध प्रक्रिया को सत्र 2024-25 से लागू किया जाए।
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