मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कार्य में अनियमितता पाए जाने पर की कर्मचारियों पर कार्रवाई

कार्रवाई के तहत 4 इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया

विद्युत वितरण कंपनी ने कार्मिकों को नियमों के अनुरूप कार्य करने का दिया निर्देश

मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कार्य में अनियमितता और गंभीर लापरवाही पाए जाने पर कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के तहत 4 इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कार्रवाई प्रबंध निदेशक रजनी सिंह के निर्देश पर की गई है। उधर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एक विजली चोरी के मामले में उपभोक्ता पर 22 हजार रुपये से अधिक का जुर्माना अदालत ने लगाया है।

पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के निलंबित इंजीनियरों में इंदौर संचारण संधारण संभाग के कार्यपालन यंत्री अभिषेक रंजन, भौंरासला बिजली वितरण केंद्र प्रभारी सहायक यंत्री राहुल खत्री, भौंरासला वितरण केंद्र के कनिष्ठ यंत्री शैलेंद्र पाटकर और चिकलौंडा (बेटमा) बिजली वितरण केंद्र प्रभारी कनिष्ठ यंत्री प्रेम सिंह कनेश शामिल है। रंजन को निलंबन अवधि में सतर्कता कार्यालय इंदौर, खत्री को बुरहानपुर सर्कल कार्यालय, पाटकर को सर्कल कार्यालय खरगोन और कनेश को बदनावर संभागीय कार्यालय में अटैच किया गया है। इसी के साथ ज्ञानेंद्र कुमार गौड़ को एसटीसी इंदौर ग्रामीण से हटाकर कार्पोरेट कार्यालय भेजा गया है। गौड़ को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।

मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कार्मिकों से नियमों, प्रक्रिया के अनुरूप कार्य करने एवं समय पालन के साथ ही अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही कंपनी ने इस निर्णय के परिप्रेक्ष्य में सभी आम लोगों से आग्रह किया गया है कि वे वैध कनेक्शन लेकर ही बिजली का उपयोग करें। बिजली चोरी दण्डनीय अपराध है तथा इसमें जुर्माना और कारावास का भी प्रावधान है।

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