भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की द्विपक्षीय बातचीत
दोनों देशों के प्रमुखों ने 5 साल बाद एक दूसरे से इस तरह मुलाकात की
मुलाकात के बाद उम्मीद जताई जा रही है अब भारत-चीन का कारोबार पटरी पर लौटेगा
रूस के कजान में 23 अक्टूबर को ब्रिक्स समिट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने द्विपक्षीय बातचीत की। दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन सीमा को लेकर विशेष प्रतिनिधि बॉर्डर इलाकों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन की देखरेख करेंगे। साथ ही इस मुद्दे पर सही, निष्पक्ष और आपसी रूप से स्वीकार करने वाला समाधान तलाशने के लिए जल्द ही बैठक करेंगे।
दोनों देशों के प्रमुखों ने 5 साल बाद एक दूसरे से इस तरह मुलाकात की। उनके बीच आखिरी द्विपक्षीय मुलाकात 2019 में हुई थी। कजान में दोनों नेताओं की मुलाकात 1 घंटे तक चली। पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद उम्मीद जताई जा रही है अब भारत-चीन का कारोबार पटरी पर लौटेगा। दरअसल, गलवान में हुई झड़प के बाद कारोबार बंद तो नहीं हुआ लेकिन कुछ हद तक असर जरूर देखा गया। अब एक बार फिर से इसके पटरी पर लौटने की उम्मीद जताई जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कहा कि आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेंगे। पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सीमा पर सुरक्षा, शांति, आपसी भरोसा और सम्मान जरूरी है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बात पर जोर दिया कि चीन और भारत को सद्भावनापूर्वक रहने और साथ विकास के लिए सही और उज्ज्वल मार्ग खोजने को लेकर मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन-भारत के रिश्ते मूलतः इस बात को लेकर हैं कि 1.4 अरब की आबादी वाले दो बड़े विकासशील और पड़ोसी देश एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। उन्होंने कहा कि चीन और भारत का सबसे बड़ा साझा लक्ष्य अब विकास है।
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