उज्जैन पुलिस और मंदिर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए गुरुवार को 6 कर्मचारियों को निलंबित किया
कर्मचारी भक्तों को नंदी हॉल से विशेष दर्शन और जल चढ़ाने का झांसा देकर पुजारी और पुरोहित से मिलवाते थे
उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों से अवैध वसूली का मामला सामने आया है। प्रोटोकॉल दर्शन के नाम पर यूपी और गुजरात सहित अन्य स्थानों से आने वाले श्रद्धालुओं से 1100 से 2000 रुपए तक वसूल किए जा रहे थे। इस ठगी में मंदिर के कर्मचारी, पुरोहित और सुरक्षा गार्ड शामिल पाए गए हैं। उज्जैन पुलिस और मंदिर प्रशासन ने इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए गुरुवार को 6 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। 2 कर्मचारी राकेश श्रीवास्तव और विनोद चौकसे पर महाकाल मंदिर में धारा में केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
महाकाल मंदिर में वीआईपी और प्रोटोकॉल से दर्शन करने के मामले में उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने गुरुवार को पुरोहित अजय शर्मा, पुरोहित प्रतिनिधि राजेश भट्ट, नंदी मंडपम में तैनात सुरक्षाकर्मी विकास, संदीप, करण और कन्हैया को हटा दिया था। इसके बाद शुक्रवार को मंदिर के सफाई प्रभारी विनोद चौकसे और सभा मंडप प्रभारी राकेश श्रीवास्तव के बैंक खातों में अवैध रूप से ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली थी। जांच पर लाखों रुपए के संदिग्ध ट्रांजैक्शन पाए गए। यह राशि मंदिर में सेवा के दौरान अवैध रूप से वसूली गई थी। दोनों कर्मचारियों के खिलाफ महाकाल थाने में धारा 318 (4) 316 (2) में केस दर्ज कर लिया हैं।
बता दें कि महाकाल मंदिर में प्रोटोकॉल दर्शन के तहत न्यायालय अधिकारियों, मीडिया, जनप्रतिनिधियों और अन्य वीआईपी भक्तों को नंदी हॉल तक जाने की अनुमति मंदिर कार्यालय से दी जाती है। सामान्य दर्शनार्थियों को 250 रुपए की रसीद के माध्यम से बिना लाइन दर्शन की सुविधा मिलती है। इसी व्यवस्था का फायदा उठाकर मंदिर के कर्मचारी ठगी को अंजाम देते थे। कर्मचारी पहले भक्तों को नंदी हॉल से विशेष दर्शन और जल चढ़ाने का झांसा देकर पुजारी और पुरोहित से मिलवाते थे। इसके बाद, प्रत्येक भक्त से 1100 से 2000 रुपए तक वसूले जाते थे। जबकि यह राशि मंदिर समिति को जानी चाहिए थी, इसे कर्मचारियों ने खुद हड़प लिया।
उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने पुष्टि की कि जांच में यह बात सामने आई है कि कर्मचारियों ने भक्तों से वसूली गई राशि को अपने परिवार के सदस्यों के खातों में ट्रांसफर किया। पूरा मामला दर्शन के नाम पर अवैध वसूली का है। अन्य कर्मचारियों के नाम भी जांच में सामने आ सकते हैं। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। दोषी कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।