जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में लिया गया यह फैसला
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स समेत पुराने वाहनों पर जीएसीटी दर को 12% से बढ़ाकर 18% करने पर सहमती बनी
जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में एक ऐसा फैसला लिया गया है जिससे आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ने वाला है। जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स समेत पुराने वाहनों पर जीएसीटी दर को 12% से बढ़ाकर 18% करने पर सहमती बन गई है। यानी अब आप अगर पुरानी कार खरीदेंगे तो आपको उसपर 18% की दर से जीएसटी का भुगतान करना होगा। इससे पुरानी गाड़ी खरीदना महंगा हो जाएगा।
अगर आप पुरानी कार खरीदने की सोच रहे हैं तो अब आपको ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेंगे। हालांकि, आपको यह जानना जरूरी है कि टैक्स में वृद्धि पुरानी कार बेचने वाले डीलर या कंपनियों पर लागू होगी। अगर आप किसी व्यक्ति से पुरानी कार खरीदते हैं तो उसपर टैक्स की पुरानी दर यानी 12% टैक्स ही लागू रहेगा। यानी इस फैसले से व्यक्तिगत खरीदारों और विक्रेताओं पर कोई असर नहीं होगा।
सरकार के इस फैसले के बाद कार डीलर या रजिस्टर्ड सेलर से पुरानी कार खरीदना महंगा हो जाएगा। बता दें कि जीएसटी दर बढ़ने से पुरानी कारों और नई किफायती कारों की कीमत में अंतर कम हो जाएगा, इससे पुरानी गाड़ियों की बिक्री में गिरावट आ सकती है।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर कहा कि भाजपा ने GST को साँप-सीढ़ी का खेल बनाकर रख दिया है। कभी किसी आइटम पर अचानक जीएसटी बढ़ा देते हैं, कभी अपने चंदादायी समर्थकों के मुनाफ़े के लिए घटा देते हैं। इससे ईमानदार व्यापारियों-अधिकारियों में भी असमंजस पैदा होता है जिसका लाभ भ्रष्टाचारी उठाते हैं। कारोबारी तो यहाँ तक कहते सुने गये हैं कि भाजपा वाले जीएसटी की दरों में बार-बार बदलाव करके अनिश्चितता का वातावरण बनाए रखना चाहते हैं जिससे उन्हें छोटे व्यापारियों, दुकानदारों से वसूली का मौका मिलता रहे। इसीलिए व्यापारी जब तक जीएसटी की एक बात समझते हैं, तब तक सरकार नियम बदल देती है।