सुरक्षा एजेंसी, गर्भगृह-नंदीहॉल निरीक्षक व प्रोटोकाल कर्मचारी को नोटिस
पिछले चार महीने में वीआईपी द्वारा नियम तोड़ने का यह चौथा मौका है
उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में गुरुवार शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे व तीन अन्य लोगों ने गर्भगृह में प्रवेश कर पूजन किया था। जानकारी के अनुसार चारों लोग गर्भगृह में 6 मिनट तक रहे थे। मामले का वीडियो सामने आने के बाद मंदिर प्रशासन ने एक कर्मचारी काे हटाते हुए सुरक्षा एजेंसी सहित मंदिर के तीन कर्मचारियों को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है। बता दें कि पिछले चार महीने में वीआईपी द्वारा नियम तोड़ने का यह चौथा मौका है।
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में सांसद श्रीकांत शिंदे, उनकी पत्नी और दो अन्य लोग थे। चारों ने भगवान महाकाल के श्रृंगार के दौरान शिवलिंग के पास बैठकर पूजा की थी। मामला मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लिया है।
मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि मामला सामने आने के बाद मंदिर समिति के कर्मचारी विनोद चौकसे को हटा दिया है। चौकसे की मंदिर के सभा मंडप व जलद्वार पर प्रभारी के रूप में ड्यूटी थी। वहीं, मंदिर के गर्भगृह और नंदी हॉल निरीक्षक, प्रोटोकाल कर्मचारी और मंदिर में कार्यरत क्रिस्टल कंपनी को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है। जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इन कर्मचारियों के अलावा भी अन्य किसी की भूमिका सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं महाकाल मंदिर के नियम?
नियमों के अनुसार तो उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध भगवान महाकाल के गर्भगृह में सिर्फ पुजारी ही पूजा कर सकते हैं। उनके अलावा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, शंकराचार्य, महामंडलेश्वर के साथ विशिष्टजनों को गर्भगृह में जाने की इजाजत है। मंदिर में सांसद, विधायक भी महाकाल के दर्शन करने आते हैं तो उन्हें भी चांदी द्वार से ही पूजन- अर्चन और दर्शन कराए जा रहे हैं। ऐसे में सांसद श्रीकांत शिंदे के प्रवेश ने कई सवालों को जन्म दे दिया है। सांसद श्रीकांत ने पत्नी समेत तीन लोगों के साथ गर्भगृह में की थी पूजा।