जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कैबिनेट ने पारित किया प्रस्ताव

जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला दिल्ली जाकर पीएम मोदी से मिलने की तैयारी में

उमर सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी किया ध्यान केंद्रित

जम्मू-कश्मीर का पहला विधान सभा सत्र 4 नवंबर से शुरू होगा, 21 अक्टूबर को विधायक शपथ लेंगे

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद कोई सरकार बनी है। नए सीएम इस मौके को बिल्कुल भी गंवाना नहीं चाहते हैं। इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए जम्मू-कश्मीर कैबिनेट ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की अपील करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। प्रस्ताव पारित होने के बाद सीएम उमर आने वाले दिनों में पीएम और केंद्रीय मंत्रियों से मिलने नई दिल्ली जाएंगे। जम्मू-कश्मीर का पहला विधान सभा सत्र 4 नवंबर से श्रीनगर में शुरू होगा। जबकि 21 अक्टूबर को विधायक शपथ लेंगे।

गुरुवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें राज्य का दर्जा अपने मूल रूप में बहाल करने की मांग की गई है। सूत्रों के अनुसार, गुरुवार (17 अक्टूबर) को अपनी पहली बैठक के दौरान, जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार से राज्य का दर्जा बहाल करने का आग्रह करते हुए प्रस्ताव पारित किया।

सूत्रों के अनुसार प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर लिया गया है। नई सरकार की नीति के तहत जम्मू-कश्मीर की विशिष्ट पहचान और लोगों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा एक मुख्य उद्देश्य रहेगा। मुख्यमंत्री आने वाले दिनों में इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से मिलने के लिए नई दिल्ली जाएंगे। कैबिनेट ने निर्णय लिया कि 4 नवंबर 2024 को श्रीनगर में विधानसभा सत्र बुलाया जाएगा और इस संदर्भ में उपराज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाने और उसमें संबोधन करने की सलाह दी गई है।

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