कार पर फिल्म या कूलिंग लगाना अपराध नहीं, केरल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

केरल हाईकोर्ट ने गाड़ियों की खिड़की पर प्लास्टिक फिल्म या कूलिंग फिल्म लगाने की रोक को गलत बताया है। कोर्ट के अनुसार अगर पुलिस इन कार को रोक कर चालान बना रही है, तो यह गलत है। दरअसल केरल हाई कोर्ट में दो याचिकाएं दायर हुई है। केरल की एक प्राइवेट कंपनी अलप्पुझा और एक दुकानदार ने कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि उसके पास मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट में से एक नोटिस आया है। नोटिस में उसकी कंपनी का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की बात कही गई है क्योंकि उनकी कंपनी गाड़ी की खिड़कियों पर लगाई जाने वाली प्लास्टिक फिल्म बनाती है।

फिल्म लगवाने पर जुर्माना वसूलना सही नहीं

इस याचिका की सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि गाड़ियों की खिड़की पर तय नियमों के अनुसार प्लास्टिक फिल्म या कूलिंग फिल्म लगाने से रोकना सही नहीं है। अगर पुलिस ऐसे किसी गाड़ी चलाने वाले को रोकती है तो यह गलत है। जस्टिस एन नागरेश की बेंच ने फैसला सुनाते वक्त टिप्पणी कि- अगर गाड़ियों के विंडो ग्लास पर क्नेट्राल मोटर व्हीकल एक्ट, 1989 के रूल्स 100 के मुताबिक प्लास्टिक की फिल्म, विंड स्क्रीन या सुरक्षा गिलास लगा है तो उस गाड़ी के मालिक या चालक से जुर्माना वसूलना कानूनी रूप से सही नहीं है।

इन नियमों के साथ लगा सकते हैं कार की खिड़की पर फिल्म

गौरतलब है कि वर्तमान में कार के शीशे पर पूरी तरह से फिल्म लगाने पर रोक नहीं है। सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट 1989 के अनुसार यदि कोई अपनी कार में फिल्म या प्लास्टिक लगाना चाहता है तो उसे दो बातों का ध्यान रखना जरूरी है। पहला उसे गाड़ियों के आगे और पीछे 70% विजुअल ट्रांसमिशन यानी विजिबिलिटी होना जरुरी है। दूसरा कार की खिड़कियों से 50% तक विजिबलिटी होना जरुरी है। इन नियमों का पालन करते हुए आप कार पर फिल्म लगा सकते हो।

अभी भी रहेगी ब्लैक फिल्म पर रोक

केरल हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद लोगों को नियम और ज्यादा स्पष्ट होगा और पुलिस की मनमानी में भी कमी आएगी। अक्सर पुलिस नियम से फिल्म लगाने वाले वाहन चालकों को भी रोक लेती है और जुर्माना वसूल करते है। अब गाड़ी के शीशे पर चालक अपने अनुसार प्लास्टिक की परत या फिल्म लगवा पाएंगे। जीरो पारदर्शिता वाले शीशे और पूरी तरह से ब्लैक फिल्म लगाने पर अभी भी रोक रहेगी।

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