मलखंभ स्पर्धा में नियम बदलने से खिलाड़ियों में आक्रोश, राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में एसजीएफआई के नियम का किया बहिष्कार

मध्यप्रदेश मलखंभ एसोसिएशन भी खिलाडियों की मांग को वाजिब मान रहा

खिलाड़ियों की मांग- स्पर्धा में विजेता होने वाले दल के 6-6 खिलाड़ियों को आगे खेलने का मौका दिया जाए

 

उज्जैन में 68वीं राज्य स्तरीय शालेय मलखंभ खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। ये स्पर्धा 14, 17 और 19 आयु वर्ग के बालक और बालिका के तीन समूहों में होना है। स्पर्धा से पहले एक नियम के चलते खेल में खलल पड़ गया और तमाम खिलाड़ी विरोध पर उतारू हो गए।

खिलाड़ियों का कहना था कि स्पर्धा में विजेता होने वाले दल के 6-6 खिलाड़ियों को आगे खेलने का मौका दिया जाए, ये सालों से होता आया है। जबकि शिक्षा विभाग का इसमें साफ कहना था कि एक वर्ग बनाने के लिए जो नियम एसजीएफआई के हैं, उसके हिसाब से नेशनल गेम्स के लिए एक टीम से 4-4 बच्चों का ही चयन किया जाएगा। बच्चों ने यहां विरोध स्वरूप नारेबाजी कर अपना रोष जताया और टीम में 6-6 खिलाडियों को शामिल किए जाने की मांग की।

बच्चों का कहना था कि जितनी भी प्रतियोगिताएं होती हैं उन सभी में 6-6 बच्चों की टीम बनाकर उन्हें लिया जाता है, लेकिन यहां 4 बच्चों को ही लिया जा रहा है। बच्चों का कहना था कि पिछले साल भी स्पर्धा में जिला शिक्षा अधिकारी ने खुद कहा था कि ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी। लेकिन इस साल भी 6 की बजाए 4-4 बच्चों को ही खिलाने की बात कही जा रही है।

इस मामले में मध्यप्रदेश मलखंभ एसोसिएशन भी खिलाडियों की मांग को वाजिब मान रहा है। मध्यप्रदेश मलखंभ एसोसिएशन के अध्यक्ष सोनू गेहलोत का कहना था कि एमएफआई, राष्ट्रीय खिलाड़ी, मध्यप्रदेश खेल विभाग के डायरेक्टर तक इस बात को लेकर एसजीएफआई को पत्र लिख चुके हैं कि प्रत्येग वर्ग में 6-6 बच्चों को ही खेलने का मौका दिया जाना चाहिए। बच्चों की मांग को लेकर फेडरेशन से चर्चा की जा रही है।

 

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