सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार को लगाई फटकार, कहा- आप महिलाओं को नाइट ड्यूटी करने से नहीं रोक सकते

कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा देना राज्य सरकार की ड्यूटी है

सुप्रीम कोर्ट ने विकिपीडिया को आदेश दिया कि वह मृत ट्रेनी डॉक्टर का नाम और उसकी तस्वीर हटाए

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को परेशान कर दिया है। देश को हिलाकर रख देने वाले इस मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में महिला डॉक्टरों की नाइट शिफ्ट खत्म करने की बंगाल सरकार की अधिसूचना को लेकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा देना राज्य सरकार की ड्यूटी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता रेप और मर्डर मामले की जांच की सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट को डिस्टर्निंग बताया। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को इस मामले में नई स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी होगी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विकिपीडिया को आदेश दिया कि वह मृत ट्रेनी डॉक्टर का नाम और उसकी तस्वीर हटा दे। कोर्ट ने स्पष्ठ रूप से कहा कि रेप पीड़िता की पहचान का खुलासा नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई स्थगित कर दी और कहा कि वह एक हफ्ते के बाद अगली सुनवाई करेगा।

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने बंगाल सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि आपको इस मुद्दे से निपटना होगा। सुरक्षा सुनिश्चित करना ही समाधान है। बंगाल सरकार को इस अधिसूचना में संशोधन करना चाहिए। सुरक्षा मुहैया कराना आपकी जिम्मेदारी है। आप महिलाओं को नाइट ड्यूटी करने से नहीं रोक सकते। पायलट और सेना के जवान रात के समय काम करते हैं।

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