रंगबिरंगी झांकियों से मनाया जाएगा अनंत चतुर्दशी महोत्सव, सौर ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण का मिलेगा संदेश

इंदौर का अंदाज देश में सबसे अलग है। यहां के लोग, खान-पान और त्योहार सबसे जुदा है। हर त्योहार पर शहर की जनता में अलग उल्लास और उत्साह छा जाता है। विदेश में रह रहे इंदौरी भी यहां के आयोजन से शहर की धरती पर खींचे चले आते हैं। वर्तमान में शहर में गणशोत्सव की धूम मची हुई है। जिस उत्साह से यहां गणेश जी का स्वागत होता है, उसी उत्साह से उन्हें विदाई भी दी जाती है। सेठ हुकूमचंद द्वारा शुरू की गई अनंत चतुर्दशी को झांकी निकालने की परंपरा आज भी पूरी मेहनत और उत्साह से मील मालिकों द्वारा निभाई जा रही है। झांकी का सिलसिला रात नौ बजे से शुरू होकर आधी रात तक चलता है और हजारों की संख्या में लोग इसे देखने आते हैं। इसी उत्साह से इस वर्ष भी अनंत चतुर्दशी का उत्सव मनाया जाएगा जिसकी तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी है।

धर्म और पर्यावरण पर आधारित होगी झांकियां

इस वर्ष निकाले जाने वाली झांकियों में धर्म, विकास और पर्यावरण की झलक दिखाई देगी। पिछले 20 दिनों से कलाकार इन झांकियों को तैयार कर रहें हैं। इस वर्ष 5 किलोमीटर लंबे रूट पर करीब 30 झांकियां निकाली जाएगी। झांकी के पूरे रूट पर लाइटिंग और अन्य तैयारियां भी शासन द्वारा की जा चुकी है।

3 हजार पुलिसकर्मी संभालेंगे सुरक्षा

पूरे रूट पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस फ़ोर्स और ड्रोन की सहायता ली जाएगी। कुल 5 ड्रोन पूरे एरिया पर नजर रखेंगे। मुख्य चौराहो पर वॉच टॉवर होंगे जहां एक टीआई और 10 सैनिक जवानों का बल भी मौजूद होगा। 3 हजार पुलिसकर्मी, बीएसफ की 2 टुकड़ियां और 1 हजार से ज्यादा नगर सुरक्षा समिति के कार्यकर्ता पूरे चल समारोह के दौरान मौजूद रहेंगे।

झांकी में मिलेगी धार्मिक कथाओं की झलक

इस बार का चल समारोह 12 घंटे तक चलेगा जिसमे 15 मीलों की झांकी और 90 अखाड़े शामिल होंगे। धार्मिक थीम पर बनी झांकी में अभिमन्यु द्वारा सुरेखा का हरण, सीताराम स्वयंवर, श्री कृष्ण की बाललीला, नंदोत्सव, शिव तांडव, अहिरावण का वध, कुंभकरण का जागरण, कालका द्वारा दानव का संहार, गणेश परिक्रमा, संजीवनी पर्वत, भीष्म प्रतिज्ञा एवं अहिल्या जन्मोत्सव को दिखाया जाएगा। बदलते दौर को दिखाने के लिए शासकीय कामकाज का डिजिटल स्वरूप, मोबाइल के दुष्प्रभाव से सुरक्षा, सांप्रदायिक सौहार्द, लाडली बहना पर आधारित झांकिया भी निकली जाएगी। बच्चों के लिए मोटू-पतलू की मस्ती वाली झांकी भी सजाई गई है। ग्रीन एनर्जी थीम पर भी झांकियां देखने को मिलेगी।

झांकी में दिखेगा नगर निगम का डिजिटलाइजेशन

इस बार नगर निगम द्वारा चार झांकियां निकाली जाएगी। वहीं, हुकुमचंद मील की झांकी का यह 101वें वर्ष में प्रवेश होगा जिसमें विभिन्न धर्मों के युवकों को ‘मेरी जान तिरंगा है’ के गीत पर नृत्य करते हुए दिखाया जाएगा और राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया जाएगा। नगर निगम द्वारा निकाली जा रही झांकी में देवी अहिल्या के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को दिखाया जाएगा। इसके साथ ही नगर निगम द्वारा किए जा रहे विकास कार्य और हरियाली महोत्सव की झलक भी देखने को मिलेगी। नगर निगम के विभाग को डिजिटल किए जाने का कार्य भी दिखाया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण पर आधारित खजराना गणेश मंदिर की झांकी में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का संदेश दिया जाएगा।

 

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