भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 हुआ लागू

जन-जागरूकता के लिए हर थाने पर कार्यक्रम आयोजित किए गए

विस्तार से नए कानून एवं प्रावधानों की जानकारी दी गई

इंदौर। 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू हो गया है। इन कानूनों के प्रावधानों की जानकारी देने के लिए आज इंदौर ग्रामीण पुलिस द्वारा इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में मेडिकल विद्यार्थी, गणमान्य नागरिकों एवं डॉक्टर्स से जानकारी साझा की गई। डीआईजी रेंज इंदौर ग्रामीण निमिष अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक इंदौर ग्रामीण हितिका वासल सहित उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय एवं जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा नए कानून एवं प्रावधानों की जानकारी दी गई।

इंदौर जिले में समस्त थाना प्रभारियों द्वारा भी अपने-अपने क्षेत्रों में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित कर नवीन अपराधिक कानून से लोगों को अवगत कराया गया। एक जुलाई 2024 से नए अपराधिक कानून लागू हो गए हैं। कार्यक्रम में खुडैल क्षेत्र के गांवों के सरपंच, गणमान्य नागरिक, डॉक्टर्स एवं कॉलेज के छात्र- छात्राएं, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर सुरेश सिंह भदौरिया, रजिस्ट्रार डॉ लोकेश्वर सिंह, कॉलेज के डीन जी.एस. पटेल, अतिरिक्त डायरेक्टर रामचन्द्र यादव, रिटायर्ड पुलिस अधिकारी आर. एस. राणावत आदि उपस्थित रहे।

जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान सभी अधिकारियों द्वारा भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 में किए संशोधन, जोड़ी गई नवीन धाराएं एवं इलेक्ट्रानिक एविडेंस को साक्ष्य के रुप में किस तरह से ग्राहय किया जायेगा के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।

डीआईजी निमिष अग्रवाल द्वारा मोबाईल फोन के जरिये व्हाट्सएप्प के माध्यम से समन तामिल करने, जघन्य अपराधों के घटनास्थल की वीडियोग्राफी संबंधित नए प्रावधानों की जानकारी साझा की गई। उनके द्वारा बताया गया कि नए कानूनों से एक आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी।

पुलिस अधीक्षक ग्रामीण हितिका वासल द्वारा जीरो पर एफआईआर, ई-एफआईआर एवं महिला एवं बच्चों के विरुध्द होने वाले अपराधों के संबंध में जोडे गए नए प्रावधानों की जानकारी दी गई। बताया गया कि नए कानून-प्रावधानों के तहत अब एफआईआर दर्ज कराने के लिए व्यक्तिगत रुप से थाना जाने की जरुरत नहीं होगी। महिलाओं, दिव्यांग एवं वृध्दजनों के बयान पुलिस उनकी सुविधा अनुसार घर जाकर ले सकेगी।

उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय उमाकान्त चौधरी ने बताया कि अब दूरस्थ बैठे व्यक्ति को बयान देने के लिए थाने आने की जरुरत नहीं होगी। उनके बयान मोबाईल फोन के माध्यम से लिए जा सकेंगे। पुलिस द्वारा प्रत्यक्ष रुप से लिए गए बयानों की वीडियोग्राफी की जाएगी तथा मौके पर की जाने वाली जप्ती की कार्रवाई की भी वीडियोग्राफी की जाएगी।

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