जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने बुलडोजर एक्शन पर पूरे देश के लिए 15 गाइडलाइन जारी की
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- किसी का घर सिर्फ इसलिए नहीं गिराया जा सकता क्योंकि उस पर आरोप है
यूपी सरकार की चर्चित बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वि विश्वनाथन ने रोक लगा दी है। उनका कहना है कि आरोपी होने पर घर नहीं गिराया जा सकता। प्रशासन को जज नहीं बनाना है। बता दें कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में लगातार बुलडोजर एक्शन के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। आरोप लगाया था कि भाजपा शासित राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और बुलडोजर एक्शन लिया जा रहा है।
न्यायपालिका ही तय करेगी आरोपी के साथ क्या किया जाए
जस्टिस गवई ने कहा कि किसी का घर उसकी उम्मीद होती है। उसका सपना होता है कि उसका आश्रय कभी न छीने। हमारा सवाल यह है कि क्या कार्यपालिका ऐसे किसी व्यक्ति का घर छीन सकती है जिसपर अपराध का आरोप है। इस पर अदालत ने कहा कि किसी का घर सिर्फ इसलिए नहीं गिराया जा सकता क्योंकि उस पर आरोप है। आरोपों कि सच्चाई का फैसला सिर्फ न्यायपालिका ही करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी की गाइडलाइन
सुप्रीम कोर्ट ने घर गिराने को लेकर गाइडलाइन भी दी है। इसके अनुसार अगर घर गिराने का आदेश दिया जाता है उसके विरूद्ध अपील के लिए समय दिया जाएगा। बिना कारण बताओ नोटिस के ध्वस्तीकरण नहीं किया जाएगा। मालिक को डाक के द्वारा नोटिस भेजा जाए और घर के बाहर भी नोटिस लगाया जाए। नोटिस मिलने के बाद मकान मालिक को अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का समय दिया जाए। इसके अलावा नोटिस न्यायपालिका या कलेक्टर द्वारा ही भेजा जाएगा। इसी तरह की कई अन्य गाइड लाइन कोर्ट द्वारा जारी की गई है जिनका पालन करके ही अब से ध्वस्तीकरण का कारण दिया जाएगा।
शांति चाहने वाले ही करेंगे इस फैसले का स्वागत
इस फैसले के बाद सपा और कांग्रेस के नेताओं के बयान सामने आ रहे है। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हम इस फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देते है। जो भी व्यक्ति इस देश में अमन और अभिचार चाहता है वह इस फैसले का स्वागत करेगा।
जिनके घर टूटे हैं, उन्हें मुआवजा दे सरकार
समाजवादी पार्टी ने भी कोर्ट के इस फैसले के आधार पर योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। सांसद अवधेश प्रसाद ने आरोप लगते हुए कहा है कि जनता को भाजपा की डबल इंजन सरकार द्वारा परेशान किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है जिन लोगों के घर तोड़े गए हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाए।