धर्म परिवर्तन करवाने वाले, आतंकवादी या कट्टरपंथी संगठनों से संबंध रखने वाले एनजीओ का FCRA रजिस्ट्रेशन होगा रद्द, गृह मंत्रालय का सख्त आदेश

सालों से निष्क्रिय एनजीओ पर भी कार्रवाई करेगा केंद्रीय गृह मंत्रालय

एनजीओ की किसी समाज कल्याण गतिविधि में सहभागिता नहीं मिलती है तो भी उसका रजिस्ट्रेशन होगा रद्द

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ऐसे एनजीओ के खिलाफ सख्त हो रहा है जो विकास विरोधी गतिविधियों, धर्म परिवर्तन, दुर्भावनापूर्ण इरादे से विरोध प्रदर्शन भड़काने, आतंकवादी या कट्टरपंथी संगठनों से संबंध रखते हैं। गृह मंत्रालय ने ऐसे सभी एनजीओ का फॉरेन कॉन्ट्रिब्युशन रेग्युलेशन एक्ट (FCRA) रजिस्ट्रेशन रद्द करने का निर्णय लिया है।

सोमवार को गृह मंत्रालय ने इस संबंध में नोटिस जारी किया। गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि विदेशी चंदा पाने वाले एनजीओ अगर अपने उद्देश्य के मुताबिक चंदे का इस्तेमाल नहीं करेंगे और वार्षिक रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे तो भी पंजीकरण को खत्म कर दिया जाएगा।

कानूनन विदेश फंडिंग पाने वाले सभी एनजीओ को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ऐसा न करने पर उन्हें विदेशी फंडिंग पाने की परमिशन नहीं है। एनजीओ के मोटिव और टारगेट के मुताबिक प्रोजेक्ट्स के लिए विदेशी फंडिंग का उपयोग नहीं करना, बीते 6 फाइनेंशियल ईयर का एनुअल रिटर्न साइट पर अपलोड नहीं करना, पिछले 3 फाइनेंशियल ईयर के दौरान समाज के कल्याण के लिए मिनिमम 15 लाख रुपए खर्च की लिमिट को पूरा नहीं करना FCRA रिजस्ट्रेशन रद्द करने के कारणों में शामिल है।

इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने सालों से निष्क्रिय एनजीओ पर भी कार्रवाई करने का एलान किया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि अगर कोई एनजीओ पिछले दो-तीन साल में निष्क्रिय है और जांच के दौरान एनजीओ की किसी समाज कल्याण गतिविधि में सहभागिता नहीं मिलती है तो भी उसका एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।

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