उज्जैन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना के लिए कलेक्टर और एसपी ने शिप्रा में लगाई आस्था की डुबकी

मकर संक्रांति के दिन सुबह सबसे पहले बाबा महाकाल को तिल के उबटन से स्नान कराया गया

उज्जैन। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के कारण मनाया जाने वाला पर्व मकर सक्रांति की कल देशभर में धूम रही। मकर सक्रांति पर्व के अवसर पर देश की सभी पवित्र नदियों में स्नान किया गया। कहते हैं कि इस दिन स्नान व दान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। उज्जैन की शिप्रा नदी में भी स्नान दान के लिए लोग सुबह से पहुँच गए थे।

राकेश जोशी रामघाट पुरोहित ने बताया कि उज्जैन की पवित्र शिप्रा नदी पर सुबह से ही स्नान करने के लिए श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। मान्यता है कि तिल के साथ स्नान करने व तिल दान करने से दुखों से मुक्ति मिलती है। श्रद्धालुओं के साथ उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा ने भी शिप्रा नदी में स्नान किया। दोनों अधिकारियों ने मां शिप्रा का पूजन अर्चन भी किया। सूर्य को अर्ध देकर शहर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहे ऐसी महाकाल बाबा से कामना की।

उल्लेखनीय है कि उज्जैन में हर त्योहार की शुरुआत महाकालेश्वर मंदिर से होती है। मकर संक्रांति के दिन सुबह सबसे पहले बाबा महाकाल को तिल के उबटन से स्नान कराया गया। इसके बाद तिल से बने पकवानों का भोग लगाया गया। मकर संक्रांति पर शिप्रा नदी में स्नान करने और दान-पुण्य करने की परंपरा है। लोग स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं और दान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि तांबे के कलश में काले तिल भरकर, ऊपर सोने का दाना रखकर दान करने से पितरों की कृपा मिलती है।

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