भोपाल। मध्यप्रदेश में 2027 में होने वाले नगर पालिका और नगर परिषद् के चुनावों में अब प्रत्यक्ष रूप से चुनाव होंगे। यानी अब अध्यक्षों को पार्षद नहीं, सीधे जनता अपने वोट से चुनेगी। अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली की यह व्यवस्था शिवराज सरकार में लागू हुई थी। इसमें नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पार्षदों के मत से चुने जाते थे। नई व्यवस्था के अनुसार, मध्य प्रदेश में नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव मतदाता ही करेंगे।
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार एक बार फिर नगर पालिका एक्ट में बदलाव करने जा रही है। जानकारी के अनुसार इसका ड्राफ्ट नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है। सीएम के निर्देश पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भी जिला और जनपद पंचायत अध्यक्षों के डायरेक्ट इलेक्शन का ड्राफ्ट तैयार कर रहा है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में सन 2022 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में केवल महापौर का डायरेक्ट इलेक्शन हुआ था। नगर पालिका और नगर परिषद् के अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से हुआ था। जनता के जरिए चुने गए पार्षदों ने इनका चुनाव किया था। लेकिन इस नए फैसले के बाद अब पहले की ही तरह प्रत्यक्ष रूप से चुनाव होंगे।
जानकारी तो यह भी है कि पुरानी प्रणाली इसलिए लागू करना पड़ रहा है क्योंकि पार्षदों को साथ लेकर नहीं चल पाने के कारण कुछ निकायों में अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिए गए। इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 43 (क) में नया प्रावधान किया।