मुख्यमंत्री बोले- महिला श्रम आधारित रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रति महिला श्रमिक 5 हजार रुपये का इंसेटिव देने की योजना बनाई जा रही है
कांग्रेस लगातार लाड़ली बहना योजना से महिलाओं के नाम काटे जाने को लेकर सरकार पर हमलावर है
भोपाल। लाड़ली बहना योजना प्रदेश की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका इंतज़ार हर लाड़ली बहना को होता है। इस बार की राशि 12 जनवरी को शाजापुर जिले के काला पीपल में आयोजित कार्यक्रम में बहनों के खाते में भेजी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार मकर सक्रांति पर महिला सशक्तिकरण पर आधारित एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है। महिलाओं के जीवन में सशक्तता लाने, आर्थिक स्थिति मजबूत करने और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार निरंतर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेडीमेड गारमेंट समेत कई प्रकार के उद्योगों में महिला श्रम आधारित रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रति महिला श्रमिक 5 हजार रुपये का इंसेटिव देने की योजना बनाई जा रही है। रेडीमेड गारमेंट पर आधारित अलग-अलग प्रकार के कारखाने खुलने जा रहे हैं। इनमें से कुछ कारखानों की शुरुआत भी हो चुकी है जिनमें महिला श्रमिकों को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अपने संकल्प पत्र में जो वादे किए उन्हें हम पूरा कर रहे हैं। इसी उद्देश्य से महिलाओं के लिए बेहतर योजना लेकर आ रहे हैं।
बता दें कि लाड़ली बहना योजना से महिलाओं के नाम काटे जाने को लेकर कांग्रेस सरकार पर लगातार हमला बोल रही है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा- लाड़ली बहनों से सीएम मोहन यादव सरकार की धोखाधड़ी जारी है। ऐसा लगता है जैसे भाजपा लाड़ली बहना योजना समाप्त करना चाहती है। चुनाव से पहले भाजपा ने लाड़ली बहनों को 3 हजार रुपए प्रतिमाह देने का वादा किया था। लेकिन, अब भाजपा सरकार सम्मान राशि बढ़ाने की जगह लाड़ली बहनों की संख्या घटाने में लगी है।