ईडी की छापेमारी के बाद कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी
कांग्रेस का आरोप- मनोज परमार को बिना कारण ईडी द्वारा परेशान किया जा रहा था
मनोज परमार ने कांग्रेस नेताओं और राहुल गांधी पर सौंपी अपने बच्चों की जिम्मेदारी
भाजपा बोली- घटना बेहद दुखद है। अब कांग्रेस इस मौत पर भी घृणित राजनीति कर रही है
सीहोर जिले के आष्टा में मनोज परमार और उनकी पत्नी द्वारा खुदकुशी किए जाने का मामला अब बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि परमार को बिना कारण ईडी द्वारा परेशान किया जा रहा था, क्योंकि मनोज के बच्चों ने राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी। मनोज के घर ईडी के सहायक संचालक (भोपाल) संजीत कुमार साहू द्वारा रेड की गई थी।
घटना के बाद कांग्रेस नेताओं ने ईडी पर प्रताड़ना के आरोप दोहराए। उधर, पुलिस ने जांच शुरु कर दी है। मनोज और नेहा के फांसी पर लटके शव घर में शुक्रवार सुबह स्वजन ने देखे। जानकारी के अनुसार, कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर विधानसभा तक में इस मुद्दे पर ईडी और भाजपा सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है।
पुलिस ने घटनास्थल से सुसाइड नोट बरामद किया था। यह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, गृह मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मीडिया संगठनों, कांग्रेस की राष्ट्रीय और राज्य इकाइयों को संबोधित कर लिखा गया है। इसमें मनोज ने ईडी पर प्रताड़ित करने का कथित आरोप लगाते हुए लिखा है ‘ईडी अधिकारी कह रहे थे अपने बच्चों को भाजपा ज्वाइन करा दो, उनसे राहुल गांधी के विरुद्ध वीडियो डलवाओ तो बच जाओगे।’
बता दें कि सीहोर जिले के आष्टा निवासी मनोज कांग्रेस नेता और कारोबारी थे। पांच दिसंबर को ईडी ने ऋण के रूपयों का दुरुपयोग करने के केस में उनके घर-दफ्तर पर छापा मारा था। घटनास्थल से छह पेज का टाइप किया हुआ सुसाइड नोट मिला है। इसमें मनोज ने ईडी से प्रताड़ित होकर आत्महत्या करने की बात लिखी है।
मनोज ने यह भी लिखा है कि मेरा कांग्रेस के नेताओं, खासकर राहुल गांधी से निवेदन है कि कांग्रेस का प्रचार करने के कारण ईडी परेशान कर रही है, मुझे आत्महत्या करनी पड़ रही है। इन बच्चों की जिम्मेदारी अब आप पर है।
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इस मामले में कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि मध्यप्रदेश के सीहोर के आष्टा कस्बे में रहने वाले एक शख़्स मनोज परमार और उनकी पत्नी ने आज सुबह आत्महत्या की है, घटना बेहद दुखद है, हम भी उनके निधन पर दुख व्यक्त करते है। अब कांग्रेस इस मौत पर भी घृणित राजनीति कर रही है। दिग्विजय सिंह जी इनको कांग्रेस का समर्थक बता रहे है, जीतू पटवारी कह रहे है कि वो कांग्रेस के समर्थक थे, इन पर भाजपा में शामिल होने का दबाव डाला जा रहा था।