मध्य प्रदेश में सभी सरकारी कार्यालयों में अनिवार्य रूप से रखी जाएगी शिकायत पेटी

मध्य प्रदेश सरकार ने अपनाया भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सख्त रुख

यह कदम राज्य में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के प्रयास का हिस्सा है

शिकायत पेटी के माध्यम से नागरिक अपनी शिकायतें गोपनीय रूप से दर्ज करा सकेंगे

भोपाल। हमारे देश की कई बड़ी समस्याओं में से एक बड़ी समस्या है भ्रष्टाचार की। हालांकि इसे दूर करने के लिए कई बार शासन-प्रशासन कदम आगे बढ़ाता है लेकिन अभी तक यह समस्या समाज में जकड़ी हुई है। इसी तरह आगे बढ़ते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों के तुरंत निवारण के लिए एक बार फिर कड़ा रुख अपनाया है। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र के अनुसार, प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में अनिवार्य रूप से शिकायत पेटी स्थापित की जाएगी।

सामान्य प्रशासन विभाग के 16 दिसंबर 2011 को जारी दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए, अपर सचिव सचिंद्र राव ने पत्र में लिखा कि कई विभाग और कार्यालय अब तक इन निर्देशों का पालन करने में असफल रहे हैं। शिकायत पेटी की व्यवस्था न होने के कारण जनता की भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें दर्ज नहीं हो पा रही हैं।

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक विभागाध्यक्ष, संभागायुक्त और कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि शिकायत पेटी की व्यवस्था शीघ्र अति शीघ्र हो। इन निर्देशों की अवहेलना पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह कदम राज्य में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के प्रयास का हिस्सा है। शिकायत पेटी के माध्यम से नागरिक अपनी शिकायतें गोपनीय रूप से दर्ज करा सकेंगे, जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

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