केजरीवाल ने लिखा – पार्टियां तो आती-जाती रहेंगी, चुनाव आते-जाते रहेंगे, नेता आते-जाते रहेंगे, लेकिन भारत देश हमेशा रहेगा
मैं यह पत्र एक राजनैतिक पार्टी के नेता की हैसियत से नहीं, बल्कि इस देश के एक सामान्य नागरिक के तौर पर लिख रहा हूं- केजरीवाल
केजरीवाल ने लिखा- किसी भी तरह बेईमानी करके सत्ता हासिल करना, क्या आपको (मोहन भागवत) या आरएसएस को यह मंजूर है?
नई दिल्ली। दिल्ली की सियासत में बदलाव हुआ है। जो पिछले हफ्ते तक दिल्ली के मुख्यमंत्री थे वे अब पूर्व मुख्यमंत्री हो गए है। पूर्व मुख्यमंत्री होते ही अरविंद केजरीवाल ने सियासत में और भी दखल देना शुरू कर दिया है। अब उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को चिट्ठी लिखकर 5 सवाल पूछे हैं। उन्होंने चिट्ठी में कहा कि ईडी-सीबीआई की धमकी देकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ा जा रहा है। दूसरी पार्टियों की सरकारों को गिराया जा रहा है। क्या इस तरह से चुनी हुई सरकारें गिराना देश और देश के लोकतंत्र के लिए सही है? केजरीवाल ने यह भी लिखा कि मैं यह पत्र एक राजनैतिक पार्टी के नेता की हैसियत से नहीं लिख रहा हूं। बल्कि इस देश के एक सामान्य नागरिक के तौर पर लिख रहा हूं।
पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने लिखा कि आज देश के हालात को लेकर मैं बहुत चिंतित हूं। जिस दिशा में भाजपा की केंद्र सरकार देश और देश की राजनीति को ले जा रही है, यह पूरे देश के लिए हानिकारक है। अगर यही चलता रहा तो हमारा लोकतंत्र खत्म हो जाएगा, हमारा देश खत्म हो जाएगा। पार्टियां तो आती-जाती रहेंगी, चुनाव आते-जाते रहेंगे, नेता आते-जाते रहेंगे, लेकिन भारत देश हमेशा रहेगा। इस देश का तिरंगा आसमान में गर्व से हमेशा लहराए, ये सुनिश्चित करना हमारी सबकी ज़िम्मेदारी है।
केजरीवाल के 5 सवाल
1. देशभर में तरह-तरह के लालच देकर या फिर ईडी-सीबीआई की धमकी देकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ा जा रहा है, उनकी पार्टियों को तोड़ा जा रहा है और दूसरी पार्टियों की सरकारों को गिराया जा रहा है। क्या इस तरह से चुनी हुई सरकारें गिराना देश और देश के लोकतंत्र के लिए सही है? किसी भी तरह बेईमानी करके सत्ता हासिल करना, क्या आपको या आरएसएस को यह मंजूर है?
2. देश के कुछ नेताओं को खुद प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह ने सार्वजनिक मंच से भ्रष्टाचारी कहा और उसके कुछ दिन बाद ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल करा लिया। जैसे 28 जून 2023 को पीएम ने एक सार्वजनिक भाषण में एक पार्टी और उनके एक नेता पर 70 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया। उसके कुछ दिन बाद ही उस पार्टी को तोड़ कर उसी नेता के साथ सरकार बना ली और उसी नेता को, जिसे कल तक ‘भ्रष्ट कहते थे, उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया। ऐसे कई मामले हैं जब दूसरी पार्टियों के भ्रष्ट नेताओं को भाजपा में शामिल करवाया गया। क्या आपने या आरएसएस कार्यकर्ताओं ने ऐसी भाजपा की कल्पना की थी? क्या ये सब देखकर आपको कष्ट नहीं होता?
3. भाजपा वो पार्टी है जो आरएसएस की कोख से पैदा हुई। ये आरएसएस की जिम्मेदारी है कि यदि भाजपा पथ भ्रमित हो तो उसे सही रास्ते पर लाए। क्या आपने कभी प्रधानमंत्री को ये सब ग़लत काम करने से रोका?
4. जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि भाजपा को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। आरएसएस एक तरह से भाजपा की मां है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंखें दिखाने लगा है? मुझे पता चला है कि जेपी नड्डा के इस बयान ने हर आरएसएस कार्यकर्ता को बेहद आहत किया। देश जानना चाहता है कि उनके बयान से आपके दिल पर क्या गुजरी ?
5. आप सबने मिलकर कानून बनाया कि 75 साल की उम्र के बाद भाजपा नेता रिटायर हो जाएंगे। इस कानून का खूब प्रचार किया गया और इसी कानून के तहत लाककृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे कई कद्दावर भाजपा नेताओं को रिटायर किया गया। पिछले 10 वर्षों में इस कानून के तहत अन्य कई भाजपा नेताओं को रिटायर किया गया जैसे खंडूरी, शांता कुमार, सुमित्रा महाजन आदि। अब अमित शाह का कहना है कि वो कानून पीएम मोदी पर लागू नहीं होगा। क्या इस पर आपकी सहमति है कि जिस कानून के तहत लाककृष्ण आडवाणी को रिटायर किया गया, वो कानून अब पीएम मोदी पर लागू नहीं होगा? क्या सबके लिए कानून समान नहीं होना चाहिए?
अरविंद केजरीवाल ने आगे लिखा कि आज हर भारतवासी के मन में ये प्रश्न कौंध रहे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि आप इन सवालों पर विचार करेंगे और लोगों को इन सवालों के जवाब देंगे।