विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में करारी हार मिलने के बाद भाजपा प्रत्याशी रामनिवास रावत का बयान सामने आया है। रावत ने कहा कुछ लोगों को लगा कि मेरे बीजेपी में आने के बाद उनका सब कुछ खत्म हो जाएगा। उन्हीं लोगों ने मुझे हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऐसे लोगों ने जनता को भ्रमित किया और मूल भाजपा के लोगों को बरगलाया है।
लोगों से सहन नहीं हुई मेरी सफलता
रावत का कहना है कि यह जनादेश नहीं है बल्कि कुछ ही लोग इसमें शामिल है। उनसे मेरा बढ़ता हुआ पद यानी कि मुझे मंत्री बनते हुए देखना सहन नहीं हो पाया। जनता से मुझे 93 हज़ार वोट दिए थे। उन्होंने भाजपा के लोगों को यह भी कहा कि अगर यह जीत कर आ गया तो तुम्हारी कौन सुनेगा। वह अपने आदमियों को देखेगा लेकिन ऐसा नहीं है। मैं पूरी तरह से भाजपा में शामिल हुआ हूं और उसकी रीति-नीति और सिद्धांतों पर ही चलता रहूंगा। उन्होंने आगे कहा कि जनता ने मुझे भले ही नकार दिया हो लेकिन मैं जनता के साथ रहूंगा और उनके सुख-दुख में खड़ा रहूंगा। मैं जीवन भर अपने क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करूंगा और विजयपुर के विकास के अपने संकल्प को हमेशा याद रखूंगा।
हमेशा करूंगा जनता की सेवा
रावत ने जनता का आभार देते हुए कहा कि मैं विजयपुर क्षेत्र की जनता को बहुत धन्यवाद देता हूं। उनका प्यार इसी तरह मुझे मिलता रहा है और आगे भी मिलता रहेगा। जिस दिन राजनीति में मैंने कदम रखा था शिक्षा प्राप्त करने के बाद में शासकीय सेवा में भी जा सकता था लेकिन क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए मैंने समाज सेवा का क्षेत्र चुना और मैं चाहता था कि विजयपुर को विकास के पद पर आगे ले जाऊं।
कांग्रेस के झूठ से मिली हार
रावत ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विजयपुर आदिवासी बाहुल्य सीट है। कांग्रेस ने झूठ का एक परसेप्शन बनाया कि आदिवासियों पर आक्रमण किया गया और इसमें भाजपा का नाम जोड़ दिया। यह एक बुरी घटना थी लेकिन कांग्रेस ने योजनाबद्ध तरीके से यह काम किया। इससे थोड़ा नुकसान जरूर हुआ।