तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशुओं की चर्बी के दावे के बाद देशभर के साधु-संतों में जबरदस्त आक्रोश

संत बोले- भगवान के प्रसाद में अशुद्धि का यह कृत्य हिंदू संस्कृति और मान्यता दोनों को चोट पहुंचाने वाला है

महंतों ने इसे श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ और मंदिरों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास माना

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशुओं की चर्बी और मछली का तेल पाए जाने की खबर के बाद पूरे देश मे आक्रोश है। इस खबर को संतों-महंतों ने गंभीरता से लिया और इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। महंतों ने इसे श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ और मंदिरों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास माना है। ऐसा करने वालों को चिह्नित करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है।

डॉ राम विलास वेदांती (पूर्व सांसद) ने कहा कि प्रसाद में पशुओं की चर्बी और मछली का तेल मिलने की घटना संतों को आक्रोशित करने वाली है। यह केवल भक्तों के साथ ही नहीं, बल्कि भगवान के साथ भी विश्वासघात है। यह किसी साजिश के तहत किया गया है। साजिश का पर्दाफाश होना चाहिए और जो भी इसका दोषी पाया जाए, उसे ऐसी सजा दी जाए कि आगे से कोई ऐसा करने की हिम्मत न जुटा सके।

नैमिषारण्य धाम, सीतापुर के स्वामी विद्या चैतन्य ने कहा कि भगवान का प्रसाद तो शुद्ध देशी घी से बनना चाहिए। ऐसे में मछली के तेल का इस्तेमाल तो अनर्थ है। यह हिंदू संस्कृति और मान्यता दोनों को चोट पहुंचाने वाला है। मैं न केवल इसकी घोर निंदा करता हूं, बल्कि यह भी चाहता हूं कि जिन लोगों ने भक्तों की आस्था व भावना के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की है, उन्हें इस हिमाकत के लिए कड़ी सजा दी जानी चाहिए।”

डॉ रामकमल दास वेदांती (अनंतानंद द्वाराचार्य, काशीपीठाधीश्वर) ने कहा कि हमारे यहां लहुसन-प्याज भी वर्जित है, ऐसे में प्रसाद में पशुओं की चर्बी और मछली के तेल के इस्तेमाल की बात सामने आना दुखद है। इससे साफ है कि अध्यात्म खतरे में है। ऐसी घटनाएं धर्म की रक्षा के लिए हमें सतर्क करती हैं। इस प्रकरण की गहन जांच होनी चाहिए। दोषियों की तलाश होनी चाहिए। उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

महंत शेरनाथ, गोरखनाथ आश्रम, जूनागढ़ गुजरात ने कहा कि निश्चित रूप से जिसने भी भगवान के प्रसाद में इस तरह की मिलावट करने की कोशिश की है, वह घृणित व्यक्ति है। वह श्रद्धालुओं का दोषी तो है ही साथ ही भगवान का भी दोषी है। ऐसे लोगों को भगवान तो सबक सिखाएंगे ही, शासन-प्रशासन स्तर पर भी सजा मिलनी चाहिए। यह प्रभु, भक्तों की आस्था, श्रद्धा और विश्वास पर चोट है। इसे हम हरगिज नहीं बर्दाश्त करेंगे।

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