मुख्यमंत्री कार्यालय जाने पर रहेगी रोक, किसी भी सरकारी फाइल पर साइन करने का अधिकार नहीं होगा
केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी
नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति में जेल की सजा काट रहे सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। जांच के बाद 21 मार्च से केजरीवाल जेल में बंद है। फैसला देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडी मामले में केजरीवाल को जमानत मिलने के बावजूद केजरीवाल को जेल में रखना न्याय का मजाक उड़ाना होगा। गिरफ्तारी की ताकत का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर किया जाना चाहिए। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसपर आज फैसला आया है। दिल्ली सीएम पर दो जांच एजेंसियों सीबीआई और ईडी द्वारा केस दायर किया गया था। ईडी मामले में उन्हें 12 जुलाई को जमानत मिल गई थी।
मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा पाएंगे केजरीवाल
केजरीवाल को कुछ शर्तों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है। जमानत मिलने के बाद भी केजरीवाल कार्यालय नहीं जा सकेंगे। उन्हें किसी भी सरकारी फाइल पर साइन करने का अधिकार नहीं होगा। वह अपने केस से जुड़ा कोई सार्वजानिक बयान नहीं दे पाएंगे। जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे और जरूरत पड़ने पर उन्हें ट्रायल कोर्ट में पेश होना होगा और आगे की जांच में सहयोग करना होगा।
फैसले पर नेताओं के बयान आए सामने
केजरीवाल की जमानत का फैसला सामने आते ही अलग-अलग नेता इस पर बयान दे रहे है। आरजेडी नेता मनोज झा न कहा कि “ये तो होना ही था। ये हर मामले में होगा क्योंकि सभी मामले फर्जी, काल्पनिक और दिल्ली बीजेपी कार्यालय में रचे गए थे। यह फैसला उन लोगों के मुँह पर तमाचा है जो इस तरह की साजिश रचते है।” आप नेता आतिशी और मनीष सिसोदिया ने भी केजरीवाल की जमानत पर जश्न मनाया।
भाजपा नेता गौरव भाटिया ने कहा कि, कोर्ट में उनकी दलील थी कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा है कि अपील करता की गिरफ्तारी वैध है गिरफ्तारिक संवैधानिक थी। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के दुष्प्रचार का भंडाफोड़ किया है। अरविंद केजरीवाल को कभी किसी कोर्ट से राहत नहीं मिली और कोई भी आरोप खारिज नहीं किया गया। उन्हें बरी नहीं किया गया। बरी होने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि मुकदमा जारी रहेगा। आपको जवाब देना होगा कि अरविंद केजरीवाल इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं। भाजपा भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस रखती है। भ्रष्ट अरविंद केजरीवाल एक दिन झुकेंगे और जनता उनसे इस्तीफा ले लेगी।
गौरतलब है कि नवंबर में सीएम केजरीवाल सरकार एक नई एक्साइज पॉलिसी लेकर आई थी। इस पर लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने गड़बड़ी का आरोप बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। अगस्त 2022 में सीबीआई और ईडी ने इस पर अलग-अलग केस दर्ज किया। सितंबर में दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी को रद्द कर दिया गया था। अक्टूबर 2023 से लेकर 2024 तक ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को कुल नौ समन भेजें और इसी केस के तहत 21 मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी कर ली गई।
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