कोर्ट ने कहा कि यूनियन कार्बाइड से जहरीला कचरा हटाने की सभी औपचारिकताएं एक हफ्ते में करें पूर्ण
याचिका पर अगली सुनवाई छह जनवरी को, आलोक प्रभाव सिंह द्वारा साल 2004 में दायर की गई थी याचिका
भोपाल। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राजधानी भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड की साइट से जहरीला कचरा हटाए जाने के लिए सरकार, संबंधित अधिकारियों तथा प्रतिवादियों को संयुक्त बैठक कर एक सप्ताह में सभी औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश जारी किए हैं। युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई छह जनवरी को निर्धारित की है।
बता दें कि भोपाल में एमआईसी गैस आपदा आज से 40 साल पहले हुई थी। आलोक प्रभाव सिंह द्वारा साल 2004 में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि भोपाल गैस त्रासदी के दौरान यूनियन कार्बाइड कंपनी से हुए जहरीले गैस रिसाव में लगभग चार हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में करीब 350 मीट्रिक टन जहरीला कचरा पड़ा है। याचिका में जहरीले कचरे के विनिष्टीकरण की मांग की गई थी।
क्या कहा कोर्ट ने…
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि कोई विभाग आदेश का पालन करने में विफल रहता है तो संबंधित प्रमुख सचिव पर अवमानना की कार्यवाही की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि जहरीले कचरे को चार सप्ताह में उठाकर विनष्टीकरण स्थल में पहुंचाया जाए। ऐसा नहीं करने पर प्रदेश के मुख्य सचिव तथा और भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास विभाग के प्रमुख सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण पेश करना होगा।
याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि पूर्व में पारित आदेश का अवलोकन करने पर स्पष्ट होता है कि न्यूनतम प्राप्त किए गए हैं। वर्तमान याचिका वर्ष 2004 में दायर की गई थी और 20 साल बीत गए हैं। प्रतिवादी अभी तक पहले चरण में हैं। वास्तव में यह दुखद स्थिति है, क्योंकि प्लांट साइट से विषाक्त अपशिष्ट को हटाना, एमआईसी और सेविन प्लांट को बंद करना और आसपास की मिट्टी और भूजल में फैले दूषित पदार्थों को हटाना भोपाल शहर की आम जनता की सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है।