2019 में एमजी रोड थाने पर दर्ज हुआ था प्रकरण, वायरल वीडियो को लेकर भी कोई सबूत नहीं हुए पेश
निगम द्वारा कार्रवाई के दौरान निगमकर्मी ने केस दर्ज कराया था, प्रकरण में एक आरोपी मोनू कल्याणे की हो चुकी है मौत
इंदौर। शहर में 2019 के समय में भाजपा के तत्कालीन विधायक आकाश विजयवर्गीय सहित अन्य 10 लोगों पर शासकीय कार्य में बाधा सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया था। प्रकरण में एक आरोपी मोनू कल्याण की मौत हो चुकी है। यह घटना बल्ला कांड के नाम से काफी सुर्खियों में भी रहा था। पूरे प्रकरण में आज जिला न्यायालय द्वारा फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया गया है। विजयवर्गीय की ओर से सीनियर एडवोकेट अविनाश सिरपुरकर ने इसकी पुष्टि की है। यह प्रकरण प्रदेशभर में बल्ला कांड के नाम से जाना जाता है। उल्लेखनीय है कि बल्ला कांड का वीडियो भी देशभर में चर्चित हुआ था।
आकाश ने कहा था- आवेदन, निवेदन और फिर दनादन, ये हमारा लाइन ऑफ एक्शन है
पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय पर आरोप था कि इंदौर शहर के एक जर्जर मकान को जमींदोज करने की कार्रवाई के दौरान उन्होंने एक अधिकारी को क्रिकेट खेलने वाले बल्ले से पीटा था। घटना के बाद आकाश विजयवर्गीय ने कहा था कि- “यह सिर्फ शुरुआत है। हम इस भ्रष्टाचार और गुंडावाद को खत्म करेंगे। आवेदन, निवेदन और फिर दनादन, ये हमारा लाइन ऑफ एक्शन है।” घटना के बाद एमजी रोड पुलिस थाने में आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने सहित अन्य धाराओ में केस दर्ज किया गया था। इस घटना से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आकाश को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
निगम अधिकारी अपने बयान से पलटे
बता दें कि प्रकरण की सुनवाई विशेष न्यायाधीश देवकुमार के समक्ष चल रही थी। सुनवाई के दौरान हुए बयान में आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाने वाले निगम अधिकारी बयान से पलट गए थे। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि उन्होंने विजयवर्गीय को बल्ला चलाते हुए नहीं देखा, बल्कि उनके हाथ में बल्ला देखकर उनके खिलाफ रिपोर्ट लिखवा दी थी। कोर्ट ने प्रकरण में सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसले के लिए नौ सितंबर की तारीख तय की थी।
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