मुख्य साजिकर्ता होने से हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी जमानत की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने के. कविता की जमानत का फैसला देने के बाद ईडी और सीबीआई के जांच के तरीके पर उठाए सवाल
नई दिल्ली। शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार हुई बीआरएस से एमएलए के. कविता को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। वह पिछले पांच महीनों से पुलिस हिरासत में थी। दिल्ली हाई कोर्ट से उनकी जमानत की याचिका ख़ारिज होने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पंहुचा था। अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से सजा से राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने के. कविता की जमानत का फैसला देने के बाद ईडी और सीबीआई के जांच के तरीके पर सवाल उठाए और उन्हें फटकार भी लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने के. कविता को दोनों मामलों में 10 लाख का जमानत बांड, गवाहों से छेड़छाड़ न करने और गवाहों को प्रभावित न करने की शर्त पर जमानत दी है। अदालत ने सीबीआई और ईडी से पूछा कि उनके पास के. कविता के खिलाफ क्या सबुत है और यदि है तो वह कोर्ट को दिखाए। बता दें कि तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर की बेटी के. कविता शराब घोटाला मामले में 15 मार्च से पुलिस हिरासत में थी।
सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप को किया खारिज
के. कविता के वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अपने मुवक्किल को जमानत दिलाने के लिए दलील दी कि इस मामले में सह-आरोपी मनीष सीसोदिया को जमानत मिल चुकी है। इसके साथ ही ईडी और सीबीआई की जांच भी पूरी हो चुकी है। जांच एजेंसी की तरफ से लड़ रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि के. कविता ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है और उसे फॉर्मेट भी किया हैं लेकिन वकील रोहतगी ने इस आरोप को बेकार बताकर ख़ारिज कर दिया।
हाईकोर्ट से राहत न मिलने पर पहुंची थी सुप्रीम कोर्ट
गौरतलब है कि के. कविता पर शराब घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा था जिसके बाद 15 मार्च को ईडी ने उन्हें उनके हैदराबाद वाले घर से गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद के. कविता ने दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत की याचिका लगायी थी लेकिन इसे यह कहकर खारिज कर दिया गया था कि प्रथम दृष्टया के कविता शराब घोटाले की मुख्य साजिशकर्ता दिख रही है। इस फैसले के ख़िलाफ के कविता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटया था जिसका फैसला आज सुनाया गया।