इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के 11वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए सीएम मोहन यादव और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
अपने संबोधन के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की वर्तमान कर प्रणाली को जायज ठहराया
वित्त मंत्री बोलीं- मैं चाहती हूं कि टैक्स को जीरो पर लेकर आऊं, लेकिन देश के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को भोपाल में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) परिसर में शैक्षणिक भवन और व्याख्यान कक्ष का शिलान्यास किया। वित्तमंत्री ने संबोधित करते हुए देश की वर्तमान कर प्रणाली को जायज ठहराया। मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री ने संस्थान के 11वें दीक्षांत समारोह का शुभारंभ भी किया। इस दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई और उनकी उपलब्धियों का सम्मान किया गया।
अपने संबोधन के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि लोग टैक्स पर सवाल करते हैं, ये बात मुझे बिलकुल पसंद नहीं है। लोग सवाल पूछते हैं कि इतने सारे टैक्स क्यों हैं, ये बात मुझे बिलकुल पसंद नहीं है। मैं चाहती हूं कि टैक्स को जीरो पर लेकर आऊं, लेकिन देश के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं। उसके लिए फंड की जरूरत है। हमारे देश और अंतरराष्ट्रीय लेवल पर बहुत सारे कमिटमेंट हैं। हम इस बात का इंतजार नहीं कर सकते कि दूसरे हमें पैसे दें, इसीलिए हम खुद पैसा खर्च कर रहे हैं। उसके लिए बहुत सारे पैसों की जरूरत रहती है।
वित्त मंत्री ने कहा कि विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान का अधिकतम उपयोग समाज की बेहतरी के लिए किया जाना चाहिए। नवीकरणीय ऊर्जा को समय की मांग बताते हुए उन्होंने विद्यार्थियों से इस तरह की बैटरी और संसाधन बनाने का आग्रह किया जो इस ऊर्जा का भंडारण कर सके। वित्त मंत्री ने उन्नत रसायन के जरिये देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के प्रयासों का भी आह्वान किया।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकडा नहीं है बल्कि यह आपकी प्रतिभा का सम्मान है। उन्होंने कहा कि विद्या धन सबसे बडी संपत्ति है। 21वीं सदी ज्ञान की सदी है। भारतीय ज्ञान परम्परा से आप और भारत इस सदी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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