लैटरल एंट्री के जरिए कुल 45 पदों पर योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा
उम्मीदवार 17 सितंबर तक यूपीएससी की ऑफिशियल वेबसाइट upsc.gov.in पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं
नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने लैटरल एंट्री वैकेंसी का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। योग्य उम्मीदवार इस वैकेंसी के लिए 17 सितंबर तक यूपीएससी की ऑफिशियल वेबसाइट upsc.gov.in पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं। यूपीएससी लेटरल एंट्री के जरिए उम्मीदवारों का चयन भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संगठनों में सीधे उपसचिव यानी ज्वाइंट सेक्रेटरी और डायरेक्टर/डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर किया जाता है। किस विभाग में किस पद पर वैकेंसी निकाली गई है। इसकी डिटेल्स अभ्यर्थी वेबसाइट पर देख सकते हैं।
आमतौर पर ऐसे पदों पर आईएएस, आईपीएस, आइएफओएस और ग्रुप ए सेवाओं के अधिकारी होते हैं। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने शनिवार को 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया। इसमें 10 संयुक्त सचिव, 35 निदेशक और उप सचिव के पद शामिल हैं। इन पदों को अनुबंध के आधार पर लेटरल एंट्री के माध्यम से भरा जाना है।
विज्ञापन के अनुसार, भारत सरकार संयुक्त सचिव और निदेशक/उप सचिव स्तर के अधिकारियों को लेटरल एंट्री के जरिये नियुक्ति करना चाहती है। यूपीएससी की वेबसाइट के माध्यम से 17 सितंबर तक आवेदन किए जा सकते हैं। यह सरकारी नौकरी तीन सालों के लिए कॉन्ट्रेक्ट बेस पर होगी। जॉइंट सेक्रेटरी पद पर 15 साल, डायरेक्टर के लिए 10 साल और डिप्टी सेक्रेटरी के लिए 7 साल काम का अनुभव मांगा गया है। पद के मुताबिक शैक्षिक योग्यता भी निर्धारित की गई है, जिसकी डिटेल्स अभ्यर्थी आधिकारिक नोटिफिकेशन से चेक कर सकते हैं।
मोदी सरकार ने दी थी लेटरल भर्ती किए जाने की अनुमति
प्राप्त जानकारी के अनुसार नौकरशाही में लैटरल एंट्री का पहला प्रस्ताव साल 2005 में लाया गया था लेकिन तत्कालीन केंद्र सरकार ने उसे मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद साल 2010 में एक बार फिर केंद्र सरकार के विभागों में लेटरल एंट्री के जरिए अधिकारियों की भर्ती की बात कही गई लेकिन तब भी सरकार ने इसे नहीं माना। इसके बाद साल 2014 में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार बनी तब साल 2016 में ऐसी भर्ती किए जाने के लिए एक कमेटी बनाई गई। इस कमेटी ने इसके पहले की जो भी सिफारिशें या प्रस्ताव थे, उनमें कुछ बदलाव किए और उसके बाद ऐसी भर्ती किए जाने के लिए सरकार को अपना प्रस्ताव सौंप दिया। मोदी सरकार ने इस पूरे प्रस्ताव पर विचार विमर्श करने के बाद लेटरल भर्ती किए जाने को हरी झंडी दे दी।