हाईकोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म

हाईकोर्ट ने कहा- अगर किसी की जान निकल रही होगी, तो कहिएगा दो दिन बाद दवाई देंगे

चिकित्सक महासंघ ने कहा- हाईकोर्ट को लेकर हम आश्चर्यचकित हैं। हाईकोर्ट क्या चाहता है, हम पिट जाएं, मर जाएं

भोपाल। मध्यप्रदेश में हाईकोर्ट के आदेश के बाद जूनियर डॉक्टर्स ने हड़ताल खत्म कर दी है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉ कुलदीप गुप्ता ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के सम्मान में हड़ताल तत्काल खत्म कर दी गई है। हालांकि पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। जूनियर डॉक्टर्स ने 15 अगस्त की रात 12 बजे से काम बंद कर दिया था।

मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर कुछ लोगों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मसले पर सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया और जूनियर डॉक्टर्स को हड़ताल खत्म करने के लिए कहा। कोर्ट ने कहा था कि 20 अगस्त तक अपनी हड़ताल वापस लें। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सर्राफ की बेंच ने कहा कि हड़ताल का ये तरीका कतई ठीक नहीं है। अगर किसी की जान निकल रही होगी, तो कहिएगा दो दिन बाद दवाई देंगे? हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की काम पर लौटने की सलाह दी थी। मध्यप्रदेश के शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ ने कहा था कि हम चाहते हैं कि देश में समान कानून बने। हाईकोर्ट को लेकर हम आश्चर्यचकित हैं। हाईकोर्ट क्या चाहता है, हम पिट जाएं, मर जाएं। हमारे अधिकार नहीं हैं। मेरा कहना है कि हमें अपनी सुरक्षा और साथियों की सुरक्षा के लिए आंदोलन का अधिकार है। ऐसे में हाईकोर्ट हमारी बात को समझे।

बता दें कि 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या की गई थी। 14 अगस्त की देर रात इसी अस्पताल में हिंसा हुई, जिसके बाद IMA ने देशभर में प्रदर्शन का फैसला किया था। इसी मुद्दे पर मध्य प्रदेश में भी जूनियर डॉक्टर्स ने हड़ताल शुरू कर दी थी। अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद डॉक्टर्स ने हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया है।

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