सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने किया विरोध प्रदर्शन, विपक्ष ने कहा- यह बजट भेदभाव वाला

कांग्रेस नेता बोले- यह सरकारी बजट नहीं बल्कि ‘सरकार बचाओ बजट’ है

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बोले- यह अन्याय है। हम इसका विरोध करेंगे

अखिलेश बोले- उत्तर प्रदेश को बड़े सपने दिखाए थे, क्या मिला उत्तर प्रदेश को?

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए संसद में बजट पेश किया था। आज संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने संसद भवन परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत इंडी ब्लॉक के सांसदों ने केंद्रीय बजट में विपक्ष शासित राज्यों के साथ कथित भेदभाव को लेकर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। बजट के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया। वहीं लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय बजट के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की।

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने भी किया विरोध

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि “यह अन्याय है। हम इसका विरोध करेंगे।” वहीं कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि “यह बजट भारत सरकार के बजट जैसा नहीं लगता। इस बजट में संघीय ढांचे को तोड़ा गया है। विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य बजट से गायब है। यह सरकारी बजट नहीं बल्कि ‘सरकार बचाओ बजट’ है। यह सिर्फ सबको खुश करने के लिए है।”

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि “समर्थन मूल्य किसान को ना देकर गठबंधन के साथियों को दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश को बड़े सपने दिखाए थे, क्या मिला उत्तर प्रदेश को? डबल इंजन की सरकार है तो डबल लाभ मिलना चाहिए था, दिल्ली का लाभ लखनऊ का लाभ लेकिन लगता है कि दिल्ली अब लखनऊ की ओर नहीं देख रही है या लखनऊ वालों ने दिल्ली वालों को नाराज कर दिया और इसका परिणाम बजट में दिखाई दे रहा है। विकास बिहार जा रहा है तो उत्तर प्रदेश को क्यों छोड़ रहे हैं? बाढ़ अगर बिहार की रोकनी है तो नेपाल और उत्तर प्रदेश की बाढ़ रोके बिना आप बिहार की बाढ़ कैसे रोकेंगे? आप पहले उत्तर प्रदेश और नेपाल की बाढ़ रोके तो बिहार की बाढ़ अपने आप रुक जाएगी।”

विपक्ष के द्वारा बजट को भेदभाव वाला बताने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा “बजट में सभी राज्यों का नाम लेने का मौका नहीं मिलता। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के नेता जानबूझकर ऐसे आरोप लगा रहे हैं, ताकि लोगों को लगे कि उनके राज्य को कुछ नहीं मिला। यह ठीक नहीं है।”

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