महाकाल की पहली सवारी 22 जुलाई को और आखिरी और शाही सवारी 2 सितंबर को निकलेगी
भगवान महाकाल की सावन माह में 5 सवारी और भादो माह में 2 सवारी निकलेंगी
22 जुलाई 2024, सोमवार से सावन मास का आरंभ हो रहा है। हिंदू धर्म में सावन मास का हमेशा से ही विशेष महत्व रहा है क्योंकि यह भगवान
शिव का प्रिय महीना है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे साल शिव पूजा से जो पुण्य फल मिलता है, वह सावन सोमवार में भगवान शिव का जलाभिषेक और बेलपत्र अर्पित करने से प्राप्त होता है। सावन सोमवार का व्रत करने और भगवान शिव की विधिवत रूप से पूजा अर्चना करने पर जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। सोने पर सुहागा यह है कि इस बार सावन के पहले सोमवार पर एक या दो नहीं बल्कि पांच अद्भुत योग में भगवान शिव की पूजा की जाएगी।
सावन के पहले सोमवार पर बने है 5 शुभ योग
सावन के पहले सोमवार पर इस बार 5 अद्भुत योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। सावन के पहले सोमवार पर प्रीति योग के साथ आयुष्मान योग बन रहा है। साथ ही चंद्रमा और मंगल एक दूसरे से नौवें और पांचवें भाव में मौजूद रहने से नवम पंचम योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन शनि स्वराशि कुंभ में रहने की वजह से शश योग बन रहा है। शश योग के साथ सभी कार्यों को सिद्ध करने वाला सर्वाद्ध सिद्ध योग भी सावन के पहले सोमवार को बन रहा है। इस पांच शुभ योग में भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना करने से जीवन में शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी।
सोमवार से हो रही है सावन माह की शुरुआत
सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को है और इसी दिन से सावन मास का आरंभ भी हो रहा है। साथ ही इस बार सावन मास में यह शुभ संयोग बन रहा है कि सावन की शुरुआत सोमवार से और समापन भी सोमवार को हो रहा है। सावन मास का आरंभ 22 जुलाई 2024 दिन सोमवार से और समापन 19 अगस्त 2024 दिन सोमवार को होगा। इस बार सावन में पांच सावन सोमवार का व्रत किया जाएगा, जो बेहद शुभ माने जाते हैं।
महाकाल के दर्शन को आएंगे लाखों श्रद्धालु
महाकाल के दर्शन के लिए देश विदेश से रोज लाखों लोग उज्जैन आते हैं। महाकाल के ऐसे भक्तों के लिए अब विशेष मौका आ रहा है। सावन में शिवपूजा का
विशेष महत्व है और इसमें भी सोमवार के दिन शिवजी के दर्शन पूजन को सबसे ज्यादा फलदायक बताया गया है। उज्जैन में सावन और भादौ माह के सोमवार को महाकाल की शाही सवारी भी निकाली जाती है। महाकालेश्वर में बाबा महाकाल की सवारी की तैयारियां भी जोर-शोर से जारी है। अगर आप भी महाकाल की सवारी के लिए उत्सुक हैं। तो आपको बता दें कि 22 जुलाई से बाबा महाकाल अपने भक्तों का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। उनकी पहली सवारी 22 जुलाई को और आखिरी और शाही सवारी 2 सितंबर को निकलेगी।
सावन महीने में भगवान महाकाल की आराधना, जप और प्रार्थना की जाती है। श्रावण माह में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पांच आरती होती हैं। जिसमें सबसे खास भस्म आरती होती है। दक्षिण मुखी होने की वजह से महाकाल भगवान का अपना अलग महत्व है। सावन माह में रोजाना खास पंचामृत, पूजन, शृंगार किया जाता है। इसमें भांग चंदन, मावा, ड्रायफ्रूट, फूल, आभूषण से दिव्य श्रृंगार किया जाएगा। सावन माह में महाकाल को बेलपत्र और जल चढ़ाने का भी अपना विशेष महत्व है।